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यूपी के इन किसानों की जमीन पर मंडराड़ा खतरा, क्या धोना पड़ेगा भूमि से हाथ!

Kisano ki zameen मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सिंचाई विभाग के अधिकारी सोमवार को शाम चार बजे रामपुर घना गांव के जंगल में जाकर मध्य गंगा नहर के लिए जमीन की निशानदेही करने और चूना डालने लगे। जैसे ही किसानों को इसकी भनक लगी, बहुत से किसान मौके पर आ गए।

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Danger looms over the land of these farmers of UP, will they have to lose their land?

The Chopal News : सोमवार की शाम, सिंचाई विभाग के अधिकारी मध्य गंगा नहर की जमीन की पैमाइश और निशानदेही करने के लिए रामपुर घना पहुंचे। पता चलते ही किसानों ने मौके पर जमकर विरोध किया। मामले की गम्भीरता को भांपते हुए अधिकारी वापस चले गए। किसानों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक चार गुणा भुगतान नहीं मिलेगा, तब तक जमीन पर काम नहीं किया जाएगा।

किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं मध्य गंगा नहर खोदाई का काम तीन गांवों रामपुर घना, कूबी और मोहनपुर में किसानों के विरोध की वजह से रुक गया है। जबकि प्रशासन किसानों को 2011 के सर्किल रेट के हिसाब से भुगतान दे रहा है, वे मौजूदा सर्किल रेट से चार गुणा भुगतान की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर किसान पिछले कुछ दिनों से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।

CM से मुलाकात भी नहीं हुई

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सिंचाई विभाग के अधिकारी सोमवार को शाम चार बजे रामपुर घना गांव के जंगल में जाकर मध्य गंगा नहर के लिए जमीन की निशानदेही करने और चूना डालने लगे। जैसे ही किसानों को इसकी भनक लगी, बहुत से किसान मौके पर आ गए। विरोध करते हुए उन्होंने काम रोका।

अधिकारियों ने इस बीच किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे कहते थे कि पहले चार गुणा मुआवजा देना चाहिए, फिर नहर की खोदाई और अन्य कार्य करना चाहिए।

इससे पहले कुछ नहीं होगा। बाद में अधिकारी वापस आ गए। मायाराम सिंह, गुरदेव सिंह, काविंद्र सिंह, मदन, विजय सिंह, मेराजुल नसाब, मोहम्मद रफी, अश्विन कुमार, बृजपाल सिंह, जयवीर सिंह, सतराज सिंह, परम सिंह, मुकेश चौधरी, अशोक कुमार आदि किसान इस दौरान उपस्थित थे।

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