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राजस्थान में फ्री बिजली वितरण पर मंडराया गहरा संकट, सरकार का आ सकता है बड़ा फैसला

Ajmer Vidhyut Vitran Nigam : राजस्थान में गर्मी का सीजन शुरू होते ही बिजली विभाग पर गहरा संकट छाया है, अजमेर बिजली वितरण विभाग सहित राजस्थान के अनेको बिजली विभाग करोड़ो रूपए से ज्यादा के लॉस में चल रहे है.
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राजस्थान में फ्री बिजली वितरण पर मंडराया गहरा संकट, सरकार का आ सकता है बड़ा फैसला

The Chopal, Ajmer Vidhyut Vitran Nigam : राजस्थान में गर्मी का सीजन शुरू होते ही बिजली विभाग पर गहरा संकट छाया है, अजमेर बिजली वितरण विभाग सहित राजस्थान के अनेको बिजली विभाग करोड़ो रूपए से ज्यादा के लॉस में चल रहे है, ग्राहकों को मुफ्त बिजली देने के चक्कर में नुकसान में चल रहें विभाग के लिए गरीब का आटा गीला करने वाली स्थिति बनी हुई है, सरकार कंपनियों को घाटे से  निकलने को प्रयास कर रही है, हालांकि बड़ी बात ये है कि पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य के घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में जो राहत दी थी। क्या वह राहत लोकसभा चुनाव के बाद भी जारी रहेगी।

राजस्थान सरकार ने विधानसभा की बेठक में विधायकों के सवालों  के उत्तर से इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव की मतगणना तक यह राहत जारी रहेगी। लेकिन इसके बाद उपभोक्ताओं को झटका लग सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने चुनावी वर्ष में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट व कृषि उपभोक्ताओं को 2000 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने की घोषणा की थी। इससे प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में राहत मिल रही है। पहले से ही घाटे में चल रही बिजली कम्पनियों का संचित घाटा 1 लाख, 7 655 करोड़ के ऊपर पहुंच गया है। इसमें अकेले वर्ष 2022-23 वर्ष का घाटा 8824.43 करोड़ रुपए का है।

उपभोक्ताओं को मिला फायदा

विद्युत वितरण निगम भले बड़े घाटे में हैं पर सरकार की ओर से दी राहत से जनता को फायदा मिला है। दिसबर-2023 तक प्रदेश के 1.20 करोड़ से ज्यादा घरेलू उपभोक्ताओं तथा 17.74 लाख से ज्यादा कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में राहत मिल रही थी। इनमें 69.88 लाख से ज्यादा घरेलू और 10.09 लाख कृषि उपभोक्ताओं के बिल शून्य आ रहे थे। कम्पनियों के घाटे को कम करने के लिए निगम प्रशासन लगातार प्रयासरत है।इसके तहत समय-समय पर बेहतर ईंधन, परामर्श सेवाएं, कर्मचारियों को प्रशिक्षण की व्यवस्था जैसे कदम उठाए हैं। यह बात सही है कि विद्युत कम्पनियां कंगाली के कगार पर है। सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदान के कारण हजारों करोड़ का वित्तीय भार डिस्कॉम पर आ चुका है। अनुदान के खर्चे के लिए विद्युत कपनियों को बैंकों से प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ से अधिक का ऋण लेना पड़ता है। इसका सालाना ब्याज मार रहा है।

कौनसे विद्युत वितरण निगम को कितना घाटा

-अजमेर विद्युत वितरण निगम- 28,263.39 करोड़ रुपए
-जयपुर विद्युत वितरण निगम- 29,318,33 करोड़ रुपए
-जोधपुर विद्युत वितरण निगम- 34,488.07 करोड़ रुपए
-राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम- 1448.90 करोड़ रुपए
-राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम- 14,137.11 करोड़ रुपए
-कुल संचित घाटा- 1,07,655.8 करोड़ रुपए