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MP की तस्वीर बदल देगे ये 8 एक्सप्रेस-वे, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में आएगी क्रांति

MP News : मध्य प्रदेश में हाल के वर्षों में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर व्यापक काम किया जा रहा है, जिससे राज्य की आर्थिक प्रगति और नागरिक जीवन में सुधार हो रहा है। मध्य प्रदेश में कई इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें हजार करोड़ों रुपये की लागत वाले आठ बड़े एक्सप्रेस-वे भी शामिल हैं। चलिए बताते हैं कि आठ बड़े एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं हैं।

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MP की तस्वीर बदल देगे ये 8 एक्सप्रेस-वे, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में आएगी क्रांति 

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाओं पर काम चल रहा है। आर्थिक विकास, औद्योगिक क्लस्टर और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश और देश के अन्य राज्यों के साथ ये एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैं। हम इन्हीं में से आठ एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट्स की चर्चा करेंगे। 

अडानी समूह ने 1-2 मार्च 2024 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में महाकाल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा की। अडानी समूह ने घोषणा की कि वह राजधानी भोपाल से धर्मनगरी उज्जैन को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 5000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह मार्ग इंदौर से शुरू होगा, इससे उज्जैन से इंदौर की दूरी 45 मिनट कम होगी। इस राजमार्ग की कुल दूरी 198 किलोमीटर होगी।

नर्मदा एक्सप्रेस-वे

30,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नर्मदा एक्सप्रेस-वे परियोजना अमरकंटक से अलीराजपुर तक पूरे राज्य के 13 क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। ये 1300 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे एमपी को छत्तीसगढ़ से जोड़ेगा, अमरकंटक से गुजरात और अलीराजपुर से गुजरात से। अमरकंटक, डिंडोरी, शाहपुरा, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, हरदा, खिरकिया, पुनासा, हरसूद, खंडवा, मुंडी, ओंकारेश्वर, कुक्षी, बड़वाह और अलीराजपुर इस परियोजना से लाभ उठाएंगे।

विंध्य एक्सप्रेस-वे

सिंगरौली और राजधानी भोपाल को यह एक्सप्रेस-वे जोड़ेगा। 13,500 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला विंध्य एक्सप्रेस-वे भोपाल, दमोह, सीधी, कटनी, रीवा, सागर और सिंगरौली जिलों से गुजरेगा और 660 किलोमीटर लंबा होगा। विंध्य क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक्सप्रेस-वे औद्योगिक क्लस्टर और रोजगार के अवसर बनाएंगे।

अटल प्रगति पथ

चंबल एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाने वाले इस प्रोजेक्ट को 23,700 करोड़ की लागत से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बनाया जाएगा। यह 404 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। यह एक्सप्रेस-वे भारतमाला परियोजना का एक हिस्सा है, जो राजस्थान के कोटा से होते हुए एमपी के ग्वालियर, श्योपुर, भिंड और मुरैना (चंबल क्षेत्र) को कवर करते हुए यूपी के इटावा तक जाएगा।

मालवा निमाड़ विकास पथ 

यह राजमार्ग मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, धार, अलीराजपुर और बुरहानपुर को जोड़ेगा और 450 किलोमीटर लंबा होगा। मालवा निमाड़ विकास पथ भी इसका नाम होगा। 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर यह एक्सप्रेस-वे बहुत महत्वपूर्ण है। इसका निर्माण 7972 करोड़ रुपये में होगा।

इंदौर-हैदराबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर

मध्य भारत और दक्षिणी राज्यों के बीच माल और यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए इस इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा की गई थी। यह एमपी के इंदौर, खंडवा और बुरहानपुर से होकर महाराष्ट्र के नांदेड़ और वाशिम के रास्ते तेलंगाना के हैदराबाद तक जाएगा। मध्य प्रदेश में इसकी लंबाई 300 किमी होगी और कुल लंबाई 713 किलोमीटर की होगी। इसकी लागत 6000 करोड़ रुपए आने का अनुमान है।

भोपाल-कानपुर इकनोमिक कॉरिडोर

भोपाल को कानपुर से जोड़ने के लिए इस इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 12,000 करोड़ रुपए है। यह कॉरिडोर भोपाल से शुरू होगा और फिर सांची, विदिशा, ग्यासपुर, राहतगढ़, सागर, छतरपुर के सतई घाट और ओरछा से होते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर तक जाएगा। इसकी कुल दूरी 526 किलोमीटर है, जिसका 360 किलोमीटर का हिस्सा मध्य प्रदेश में है। इससे भोपाल से कानपुर तक जाने का समय काफी घट जाएगा।

आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच परिवहन को ज्यादा मजबूत करने के लिए आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे की नींव रखी गई है। इसकी लागत करीब 2500 करोड़ रुपए होगी, जो 88 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। यह ग्वालियर के निरवाली तिराहा से शुरू होकर झांसी, शिवपुरी, भिंड, मुरैना और दतिया से होते हुए उत्तर प्रदेश के आगरा तक जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे से ग्वालियर से आगरा की 3 घंटे की दूरी 2 घंटे में तब्दील हो जाएगी।