बारिश नहीं होने के कारण खत्म हो गई ये फसलें, कम पैदावार से भाव पर पड़ेगा असर
इससे ही न केवल उनके लिए, बल्कि इससे उत्पादन में भी कमी आने की सम्भावना है। इस बार के मानसून की अभाव से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं बाजरा, मूंग, और मोठ के पौधों पर। जानिए विस्तार....
The Chopal: कमजोर मानसून के कारण इस जिले में इस बार बारिश की मात्रा बहुत कम हुई है। बारिश की अभाव के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार इस बार उन्हें लागत भी पूरी तरह से प्राप्त नहीं होगी।
इससे ही न केवल उनके लिए, बल्कि इससे उत्पादन में भी कमी आने की सम्भावना है। इस बार के मानसून की अभाव से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं बाजरा, मूंग, और मोठ के पौधों पर।
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प्रतिवर्ष, मूंग और मोठ की खेती करने वाली मांगी देवी और उसका परिवार, लगभग 5 बीघा भूमि में मूंग और मोठ की खेती करते थे। उनकी आशा थी कि इस बार फसल अच्छी होगी। हालांकि, इस बार फसल अच्छी नहीं हुई। मांगी देवी का कहना है कि यदि इस बार मॉनसून की बारिश अच्छी होती, तो फसल दोगुनी होती।
बरसात के शुरुआती दिनों में बारिश अच्छी थी, जिसके बाद पौधों पर जल्दी से फलियाँ निकलने लगीं, हालांकि इसके बाद कमजोर मानसून गतिमान हो गया, जिसके परिणामस्वरूप फसलें धीरे-धीरे सूख गईं। अब, फसल पर फूल निकलना बंद हो गया है, जिससे मोठ की फलियाँ नहीं निकल रही हैं। मोठ की फलियों की अभाव के कारण हमें भारी नुकसान हो रहा है।
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पौधों को काटने का काम शुरू हो गया है। मांगी देवी के बेटे ने बताया कि फसल पूरी तरह से सूख चुकी है। इस बार बरसात नहीं हुई, इसलिए मौसम में असहमति भरी गर्मी के कारण फसल पूरी तरह से नुकसान हो गई है।
पौधों के पत्ते और तने पूरी तरह से सूख गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, अब उन्हें फिर से फलियाँ नहीं लग सकेंगी, जिससे हमें और भी भारी नुकसान हो रहा है। अब पूरा परिवार मिलकर पौधों को हटा रहा है ताकि हम यहां दूसरी फसल लगा सकें।
इस बार बारिश नहीं होने की वजह से जिले के बाजरे व मोठ उत्पादन क्षमता में भारी कमी आएगी. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार बाजरे वह मोठ के भाव आसमान छू सकते है. जिले में इस बार 50% से भी कम बाजरे वह मोठ की फसल का उत्पादन होने का असर है.
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