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UP के इन बिजली उपभोक्ताओं की अब नहीं होगी खैर, 19 जिलों के लिए नया आदेश जारी,रात को भी नहीं मिलेगा चैन

UP Electricity Bill -  उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग हर चार से पांच महीने में नए फार्मूले बनाता है। बिजली विभाग का कहना है कि खरीदारी में खर्च किया गया धन कमाया गया नहीं है। इससे उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बिजली का उपयोग करने वाले सवा लाख बिजली उपभोक्ताओं की सूची बनाई गई है। नीचे खबर में जानिए बिजली विभाग अब क्या करेगा। 

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UP के इन बिजली उपभोक्ताओं की अब नहीं होगी खैर, 19 जिलों के लिए नया आदेश जारी,रात को भी नहीं मिलेगा चैन

UP News : इस बार, मध्यम विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में काम करने वाले काबिल अभियंताओं ने सवा लाख उपभोक्ताओं को लक्ष्य रखा है जो पांच से नौ किलोवाट के कनेक्शन रखते हैं। बिजली विभाग को संदेह है कि उपभोक्ता बिजली मीटर को बदनाम करके राजस्व खो रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी का बिजली बिल भी देने में देरी होगी। इस बार, मध्यम विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में काम करने वाले सक्षम अभियंताओं ने सवा लाख उपभोक्ताओं को लक्ष्य रखा है जो पांच से नौ किलोवाट के कनेक्शन रखते हैं। 

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बिजली विभाग को संदेह है कि उपभोक्ता बिजली मीटर को बदनाम करके राजस्व खो रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी का बिजली बिल भी देने में देरी होगी। वर्तमान में, यह व्यवस्था सिर्फ दस किलोवाट से अधिक क्षमता वाले उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध है। मीटर रिडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआई) अब बड़े उपभोक्ताओं पर नज़र रखेगा।

19 जिलों के लिए फरमान जारी

मध्यांचल ने अपने 19 जिलों के सवा लाख ग्राहकों को यह आदेश दिया है। सवा लाख उपभोक्ता वर्तमान में पांच से नौ किलोवाट के कनेक्शन रखते हैं। इनकी रिडिंग वर्तमान में आम मीटरों की तरह होती थी। अब एमआरआई का नया झुनझुना योग्य अभियंताओं द्वारा बनाया गया है। बिजली चोरी और लाइन लास को कुछ हद तक नियंत्रित किया गया है, लेकिन कई भाग बहुत प्रभावी नहीं रहे हैं।  बिजली विभाग ऐसे हालात में बिजली खरीदने से इतना पैसा नहीं कमा पाता। बिजली विभाग हर चार से पांच महीने में नए फार्मूले आपूर्ति करता है। यदि राजस्व की वसूली ग्रामीण और चोरी बहुल क्षेत्रों में 80 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी, तो बिजली विभाग की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी।

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क्या है मीटर की एमआरआई?

मध्यांचल के निदेशक योगेश कुमार ने कहा कि मीटर रिडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआई) पारदर्शिता लाएगा और उपभोक्ताओं को सही बिल मिलेंगे। कुल मिलाकर, मीटर की पूरी स्कैनिंग करके उसकी पूरी जांच की जा सकती है। एमआरआई मीटर की किसी भी छेड़छाड़ को रिकॉर्ड करेगा।