UP में इन बिजली कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वेतन, आदेश जारी
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला बन गया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) ने आदेश जारी कर दिए हैं कि जिन कर्मचारियों ने फेशियल अटेंडेंस सिस्टम के जरिए अप्रैल माह में हाजिरी दर्ज नहीं कराई है, उनका वेतन रोका जाएगा। इस आदेश से 2000 से अधिक बिजली कर्मियों पर असर पड़ा है।

UP News : यूपी में बिजली कर्मचारियों को भारी चोट लगी है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने 2000 से अधिक कर्मचारियों को फेशियल अटेंडेंस नहीं बताने पर अप्रैल का वेतन रोकने का आदेश दिया है। आदेश पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आपत्ति जताई है। शक्ति भवन पर शुक्रवार से निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का क्रमिक अनशन शुरू हो गया।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संविदा कर्मचारियों में व्यापक छंटनी हो रही है। इसके अलावा, 2000 से अधिक बिजली कर्मचारियों का वेतन रोके जाने के आदेश भी जारी किए गए हैं, जो बिजली कर्मचारियों को परेशान कर रहा है। हटाए गए संविदा कर्मचारियों को फिर से नौकरी में लिए जाने और रुके वेतन के भुगतान की मांग करते हुए आदेश को तानाशाहीपूर्ण बताया है। शक्ति भवन पर सात दिवसीय क्रमिक अनशन शुरू हो गया है, उन्होंने बताया। पहले दिन संघर्ष समिति के घटक संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी एक अनशन पर बैठे। साथ ही उत्तराखंड बिजली अभियंता संघ के महासचिव राहुल चानना और अन्य अभियंता भी अनशन पर बैठे। शनिवार को मध्य प्रदेश के बिजली अभियंता लखनऊ, केस्को और कानपुर से आएंगे, उन्होंने बताया।
जितेंद्र सिंह गुर्जर, अजय कुमार, महेंद्र राय, पीके दीक्षित, सुहेल आबिद, श्रीचंद, मो. वसीम, डीके मिश्र, छोटे लाल दीक्षित, राम सहारे वर्मा, केएस रावत, हरदेव तिवारी, राम निवास त्यागी, कुलेंद्र सिंह चौहान, अमिताभ सिन्हा, प्रेम नाथ राय आदि शुक्रवार को क्रमिक अनशन में शामिल हुए।
निदेशक वित्त को अतिरिक्त सेवा देना अनुचित है
शैलेंद्र दुबे ने कहा कि सेवा विस्तार देकर मौजूदा निदेशक (वित्त) निधि कुमार नारंग को सलाहकार बनाना अनुचित है। उनका कहना था कि वह निजीकरण की आड़ में होने वाले भ्रष्टाचार में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। यह झूठ बोलने वाली कंपनी को बचाने में लगे हैं। लखनऊ में बाइक रैली शनिवार को ही होगी, उन्होंने कहा।