The Chopal

मक्के की इन टॉप 5 किस्मों से मिलेगा बंपर उत्पादन, 3 महीने में कर देगी मालामाल

किसानों को जानकारी के लिए बता दें कि वह गेहूं की खेती की कटाई के तुरंत बाद मक्के की खेती कर सकते हैं मक्के की खेती करने पर किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा होगा मक्के की खेती में सिंचाई के लिए पानी की कम जरूरत होती है और मक्के की फसल जल्दी पक कर तैयार हो जाती है.
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मक्के की इन टॉप 5 किस्मों से मिलेगा बंपर उत्पादन, 3 महीने में कर देगी मालामाल

The Chopal, How To Cultivate Maize : किसानों को जानकारी के लिए बता दें कि वह गेहूं की खेती की कटाई के तुरंत बाद मक्के की खेती कर सकते हैं मक्के की खेती करने पर किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा होगा मक्के की खेती में सिंचाई के लिए पानी की कम जरूरत होती है और मक्के की फसल जल्दी पक कर तैयार हो जाती है मक्के के पौधे पर मौसम का कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि पौधा मजबूत होता है मक्की की अलग-अलग है किस्मे बाजार में मिल जाती है

मक्का की गंगा-5 प्रजाति मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के किसानों की बेहद ही मुफीद है. इस किस्म पर मौसम की मार का भी असर नहीं पड़ता. इसके पौधे मजबूत होते हैं. इस मक्का के दाने पीले रंग के होते हैं. मक्का की इस किस्म को अगर समय से बोया जाए तो यह 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन देती है. मक्के की इस किस्म को कम सिंचाई में भी तैयार कर अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है.

मक्का की हाइब्रिड प्रजाति पार्वती को अगेती और पछेती दोनों समय बोया जा सकता है. यह फसल 90 से 100 दिनों में तैयार होती है. इस किस्म से 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन मिलता है. यह राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के किसानों को अच्छा उत्पादन देती है.

मक्का की पूसा हाइब्रिड-1 किस्म 80 से 50 दिन में पककर तैयार होती है. मक्का की इस किस्म से करीब 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन मिलता है. यह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में किसानों की पहली पसंद है.

मक्का की शक्तिमान नाम की प्रजाति अधिक पैदावार की वजह से किसानों की पहली पसंद है. यह 90 से 110 दिन में तैयार होती है. इस किस्म से 60 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन मिलता है. यह किस्म ज्यादातर मध्य प्रदेश और राजस्थान में उगाई जाती है.

मक्का की शक्ति-1 प्रजाति 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन देती है. यह किस्म 95 दिनों में पककर तैयार होती है. इस मक्का को लोग खाने के लिए बेहद पसंद करते हैं. जिसकी वजह से यह भारत के ज्यादातर इलाकों में उगाई जाती है. इसमें पौष्टिकता भी ज्यादा पाई जाती है.