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UP में ये एयरपोर्ट होना है प्राइवेट, 350 एकड़ जमीन में विस्तारीकरण का काम शुरू

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट के 117 हेक्टेयर (350 एकड़) तक विस्तारीकरण पर काम शुरू कर दिया है। उसमें दो किमी लम्बा रनवे, एक अन्य टर्मिनल सहित विभिन्न सुविधाएं विकसित होनी हैं। विस्तारीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने ली है।
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UP में ये एयरपोर्ट होना है प्राइवेट, 350 एकड़ जमीन में विस्तारीकरण का काम शुरू

The Chopal ( UP ) वाराणसी के बाबतपुर के लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के साथ उसके निजीकरण की भी तैयारी शुरू हो गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय नीलामी का मसौदा तैयार कर रहा है। सरकार यह कदम बाबतपुर को देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से उठाने जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक अगले वर्ष जून तक कार्रवाई शुरू हो जाएगी। बाबतपुर प्रदेश का दूसरा निजी एयरपोर्ट होगा। वर्तमान में लखनऊ एयरपोर्ट का संचालन अडानी समूह कर रहा है। केंद्र सरकार ने देश के सभी एयरपोर्ट के विकास के लिए 2050 तक कर विजन तय किया है। मंशा है कि हवाईअड्डे से आवागमन के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा दिया जाए।

इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के एयरपोर्ट को यात्रा व सुविधाओं की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। वहीं निजीकरण के प्रस्ताव से अनभिज्ञता जताते हुए एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा कि एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का जो भी आदेश या प्रस्ताव आएगा, उसका पालन होगा।

विस्तारीकरण पर काम शुरू 

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट के 117 हेक्टेयर (350 एकड़) तक विस्तारीकरण पर काम शुरू कर दिया है। उसमें दो किमी लम्बा रनवे, एक अन्य टर्मिनल सहित विभिन्न सुविधाएं विकसित होनी हैं। विस्तारीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने ली है।

योगी सरकार ने जमीन खरीदने के लिए 550 करोड़ जारी भी कर दिया है। अधिग्रहण की नोडल अधिकारी व एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि 20 हेक्टेयर जमीन खरीदी जा चुकी है। उस पर 166 करोड़ खर्च हुए हैं। बताया कि दिसम्बर में 60 से 70 फीसदी जमीन ले ली जाएगी।

उड़ानों के लिए विशेष प्रबंध

विस्तारीकरण परियोजना के तहत बाबतपुर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ेंगी। न केवल अरब देश बल्कि यूरोपीय देशों तक बनारस से विमान संचालित करने का लक्ष्य है ताकि वाराणसी के जरिए पूरे प्रदेश को जोड़ा जा सके। साथ ही स्थानीय उत्पादों के निर्यात को भी प्रोत्साहन मिले। पूर्वांचल घरेलू व स्थानीय उत्पादों की सम्पन्नता वाला क्षेत्र है। दूर देशों तक उत्पादों की पहुंच आसान बनाने में यह बड़ा कदम होगा।