UP के इस जिले को मिलेगा 30 किलोमीटर लंबा फोरलेन रिंग रोड, नैनीताल तक आसान होगा सफर, ट्रैफिक से मिलेगा छुटकारा
Road Infrastructure in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में लगातार नई-नई सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है. प्रदेश में ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक आवागमन कनेक्टिविटी आसान बनाने की दिशा में योगी सरकार खास पहल कर रही है. प्रदेश की एक और जिले में 30 किलोमीटर लंबा फोर लाइन रिंग रोड बनाया जाएगा जिससे नैनीताल तक सफर आसान हो जाएगा. रिंग रोड बनने से व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और आसपास के जिलों की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। सरकार का कहना है कि इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू किया जाएगा
The Chopal : उत्तर प्रदेश (UP Road Development) के बरेली निवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शहर में अब 30 किलोमीटर लंबा फोरलेन रिंग रोड बनाया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से बरेली (Bareilly Ring Road Project) की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा और लोगों को जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी। इस रिंग रोड के बनने से आसपास के क्षेत्रों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्रा का समय घटेगा। परियोजना पर करोड़ों रुपये की लागत आएगी। जल्द ही निर्माण कार्य की विस्तृत योजना सार्वजनिक की जाएगी। इस रिंग रोड के बनने से न केवल शहर के अंदर यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि जाम की समस्या से भी लोगों को राहत मिलेगी। सबसे खास बात यह है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद नैनीताल (Nainital Road Connectivity) तक का सफर बेहद आसान और सुगम हो जाएगा।
किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा
धंतिया से रजऊ परसपुर तक 30 किमी फोरलेन रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव है। NHAI ने मई में ही RP Infrastructure Private Limited से इस परियोजना के लिए अनुबंध किया था। निर्माण 30 सितंबर से शुरू होगा और मार्च 2028 तक पूरा होगा। परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को 863 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है, लेकिन अब तक सिर्फ 300 करोड़ रुपये ही किसानों को दिए गए हैं। निर्माण शुरू करने से पहले कार्यदायी संस्था को कम से कम आठवें हिस्से का भू-भाग मिलना चाहिए। पूरा मुआवजा वितरण परियोजना का सबसे बड़ा बाधा बन रहा है और उत्पादकता को प्रभावित कर सकता है।
नैनीताल और लखनऊ की ओर सीधे जा सकेंगे वाहन
रिंग रोड को अत्याधुनिक संरचनाओं से बनाया जाएगा। इसमें चार बड़े और सात छोटे पुल, चार रेल ओवरब्रिज, दो अंडरपास, दस लाइट व्हीकल अंडरपास, पांच लघु अंडरपास और तीन ट्रंपेट इंटरचेंज शामिल होंगे। परियोजना पूरी होने पर बदायूं से आने वाले वाहन नैनीताल और लखनऊ की ओर सीधे जा सकेंगे, इससे शहर में प्रवेश की आवश्यकता नहीं होगी। इससे सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा और जाम की समस्या बहुत कम हो जाएगी।
2107.7 करोड़ रुपये परियोजना पर होंगे खर्च
रिंग रोड परियोजना का अनुमानित मूल्य 2107.7 करोड़ रुपये है। 824 करोड़ रुपये निर्माण कार्यों पर खर्च होंगे, 863 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे। शेष धन अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाएगा। यह परियोजना क्षेत्र के आधारभूत ढांचे को मजबूत करेगा, साथ ही रोजगार पैदा करने और आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा देगा।
परियोजना का प्रशासनिक ढांचा भी हाल ही में बदल गया है। NHAI के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया को गांधीनगर स्थानांतरित किया गया है। प्रशांत वाजपेयी को उनकी जगह कार्यवाहक परियोजना निदेशक का पद मिल गया है। ऐसे बदलावों से परियोजना की गति और कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है, हालांकि प्रबंधन ने काम को समय पर पूरा करने का भरोसा जताया है।
