राजस्थान में 650 किलोमीटर तक थार के रेगिस्तान से गुजरेगा ये एक्सप्रेसवे, सूखे इलाके महानगरों से जुड़ेंगे

TheChopal: भारत सरकार की बड़ी योजना भारतमाला परियोजना के तहत अमृतसर-जामनगर 6 लेन एक्सप्रेसवे राजस्थान के कई जिलों से होकर निकलेगा। अभी तक यह एक्सप्रेसवे हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालोर से होकर गुजर रहा था। अब इसमें चूरू जिले को भी शामिल किया जा रहा है।
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे से चूरू को जोड़ने से रेगिस्तानी इलाके की देश के बड़े औद्योगिक राज्यों से सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे जालोर जैसे पिछड़े जिले को भी तेज़ ट्रांसपोर्ट, बेहतर लॉजिस्टिक सुविधा और व्यापार में बड़ा फायदा मिलेगा।
माल ढुलाई पर खर्च कम होगा
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे बनने से जालोर के किसानों को अपने इसबगोल, जीरा, अरंडी और टमाटर जैसे कृषि उत्पाद देश के बड़े बाजारों में भेजना आसान हो जाएगा। इससे माल ढुलाई पर खर्च कम होगा और किसानों-व्यापारियों का मुनाफा बढ़ेगा।
चूरू की हवेलियां, लोक संस्कृति और रेगिस्तान का नज़ारा पहले ही पर्यटकों को खूब पसंद आता है। वहीं, जालोर का सुंधा माता मंदिर, पुराने किले और रेतीले धोरों में ऊंट सफारी भी अब आसान पहुंच के कारण टूरिज्म के बड़े आकर्षण बन सकते हैं। इससे दोनों जिलों में पर्यटन बढ़ेगा और लोगों को रोजगार के नए मौके मिलेंगे।
650 किलोमीटर थार रेगिस्तान से गुजरेगा
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे करीब 650 किलोमीटर तक थार के रेगिस्तान से होकर गुजरेगा। इससे बीकानेर, बाड़मेर, जालोर जैसे सूखे इलाके अब सीधे दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों से जुड़ जाएंगे। इससे गांव-कस्बों में विकास के नए रास्ते खुलेंगे और लोगों को रोजगार और व्यापार के नए अवसर मिलेंगे।
भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाने वाला यह हाईवे जालोर जैसे जिले में भी नए उद्योग लगाने का रास्ता खोलेगा। इससे जिले में फैक्ट्रियां लग सकती हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और निवेश बढ़ेगा।
नए उद्योग शुरू करने का रास्ता खोलेगा
भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं को बढ़ावा देने वाला यह हाईवे जालोर जिले में भी नए उद्योग शुरू करने का रास्ता खोलेगा। इससे यहां इंडस्ट्रियल यूनिट्स लगेंगी, जिससे युवाओं को नौकरी के मौके मिलेंगे और जिले में निवेश भी बढ़ेगा।