The Chopal

यह चारा बकरियों के लिए बहुत लाभदायक, तना भी आता है खाने के काम

Goat Meat, Goat Milk :किसान आजकल पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय भी कर रहे हैं, पशुपालक किसानों के लिए पशुओं का चारा खाना पीना को लेकर मुख्य उद्देश्य रहता है, उसी में हम आज बात कर रहे हैं बकरी फार्म की बकरी पालन करने वाले पशुपालक.
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यह चारा बकरियों के लिए बहुत लाभदायक, तना भी आता है खाने के काम

The Chopal, Goat Meat, Goat Milk : किसान आजकल पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय भी कर रहे हैं, पशुपालक किसानों के लिए पशुओं का चारा खाना पीना को लेकर मुख्य उद्देश्य रहता है, उसी में हम आज बात कर रहे हैं बकरी फार्म की बकरी पालन करने वाले पशुपालक ऐसे चारा के जुगाड़ करने में रहते हैं जिस चेहरे को खाकर बकरी दूध भी अच्छा दे तथा बच्चे भी अच्छे वाले, जिस वजह से उनको अच्छा मुनाफा मिल सके तथा उनके पशु बीमारियों से बचे रहे बकरियों को मीट के लिए पाला जाता है, बकरियों के बच्चों की तथा बकरे की कीमत उनके वजन पर निर्धारित होती है इसलिए बकरियों के चारे में कमी होने के कारण एक ऐसा भी पौधा है जिसकी पत्तियां तथा तना बकरियां चाव से खाती है आइये खबर के माध्यम से जानते हैं.

साथ ही एक बार इसका पौधा लगाने के बाद ये पूरे साल बड़े आराम से मिलता है. ज्यादा महंगा भी नहीं पड़ता है. इसके तने के पैलेट्स बनाकर भी रखे जा सकते हैं. इस चारे का नाम मोरिंगा है. बाजारों में सहजन की फली भी बिकती है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मथुरा में बीते पांच साल से इस पर लगातार रिसर्च चल रही है. 

भरपूर प्रोटीन के चलते बकरों के लिए है फायदेमंद 

मोरिंगा यानि सहजन में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है. इसके साथ ही दूसरे जरूरी मिनरल्स और विटामिन भी इसके अंदर होते हैं. दूसरे हरे चारे के मुकाबले प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स के मामले में यह बहुत ही पौष्टिक है. इसके तने को पैलेट्स में बदल कर 12 महीने इसे बकरे और बकरियों को खिलाया जा सकता है. बकरियों के साथ-साथ खासतौर पर ये मीट के लिए पाले जाने वाले बकरों के लिए बहुत फायदेमंद है.  

मई से जुलाई तक लगाएं मोरिंगा, तो साल मिलेगा चारा 

साइंटिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ ने किसान तक को बताया कि मोरिंगा लगाने के लिए गर्मी और बरसात का मौसम सही होता है. जैसे अभी गर्मी का मौसम है. अब से लेकर जुलाई तक मोरिंगा लगाना शुरू कर दिया जाए तो फायदेमंद रहेगा. लेकिन ख्याल यह रखना है कि इसे पेड़ नहीं बनने देना है. इसके लिए यह जरूरी है कि 30 से 45 सेंटी मीटर की दूरी पर इसकी बुवाई की जाए. इसकी पहली कटाई 90 दिन यानि तीन महीने के बाद करनी है.

जैसे अगर आपने मई में इसे लगाया है तो अगस्त से इसकी कटाई शुरू कर सकते हैं. तीन महीने के वक्त में यह आठ से नौ फीट की हाईट पर आ जाता है. पहली कटाई 90 दिन के बाद करने के बाद फिर हर 60 दिन पर इससे चारा लिया जा सकता है. काटते वक्त यह खास ख्याल रखना है कि इसकी कटाई जमीन से एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई से करनी है. इससे होता यह है कि नई शाखाएं आने में आसानी रहती है. 

पहले पत्ती तो फिर खिलाएं तना

डॉ. आरिफ ने बताया कि मोरिंगा के तने को भी बकरी खाती है. क्योंकि इसका तना बहुत ही मुलायम होता है. इसकी पत्तियों को भी बकरे और बकरी बड़े ही चाव से खाते हैं. अगर आप चाहें तो पहले बकरियों को पत्तियां खिला सकते हैं. इसके तने को अलग रखकर उसके पैलेट्स बना सकते हैं. पैलेट्स बनाने का एक अलग तरीका है. ऐसा करके आप बकरे और बकरियों के लिए पूरे साल के चारे का इंतजाम कर सकते हैं.