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यह हैं दुनिया का सबसे ठंडा गांव, किस प्रकार -51 डिग्री सेल्सियस जीवन यापन करते हैं लोग

यह गांव ओएमयाकोन है, जो साइबेरिया में रूस में है। इस गांव में लगभग पांच सौ व्यक्ति रहते हैं। Google खोजने पर आज इस गांव का तापमान माइनस 51 (-51) डिग्री सेल्सियस है।

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यह हैं दुनिया का सबसे ठंडा गांव, किस प्रकार -51 डिग्री सेल्सियस जीवन यापन करते हैं लोग

The Chopal : इस समय दिल्ली से लेकर उत्तर भारत के किसी भी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को कड़ाके की ठंड से बहुत परेशानी है। लोगों को रजाई से बाहर निकलना बिल्कुल नहीं लगता। लेकिन सोचिए कि माइनस 51 डिग्री सेल्सियस में रहने वालों का जीवन कैसा होता होगा अगर आपकी स्थिति इतनी सर्दी में खराब हो गई होगी। तुम सही सुन रहे हो, हमारी बात -51 डिग्री सेल्सियस की है। इस लेख में हम आपको इस विचित्र गांव की जानकारी देंगे।

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कहां है यह गांव

यह गांव दुनिया का सबसे ठंडा स्थान है। यह गांव ओएमयाकोन है, जो साइबेरिया में रूस में है। इस गांव में लगभग पांच सौ व्यक्ति रहते हैं। Google खोजने पर आज इस गांव का तापमान माइनस 51 डिग्री सेल्सियस है। यानी खौलता हुआ पानी भी हवा में फेंके तो बर्फ बन जाएगा। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां रहने वाले लोग इसके बावजूद भी अपने दैनिक काम करते रहे हैं। इस कड़ाके की ठंड में, बच्चों को उनके पेरेंट्स स्कूल भी भेज रहे हैं। किंतु 11 साल या उससे कम उम्र के विद्यार्थी जब तापमान माइनस 52 डिग्री से कम हो जाता है। 

हाइपोथर्मिया का हमेशा रहता है खतरा

माइनस 51 डिग्री की ठंड में रहने वाले लोगों में हाइपोथर्मिया हमेशा हो सकता है। दरअसल, शरीर का तापमान बहुत तेजी से गिरता है, हाइपोथर्मिया एक मेडिकल इमरजेंसी है। ऐसा होते ही दिल की धड़कन तेज हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो अक्सर मौत का कारण बनता है। लेकिन इसके बावजूद भी यहां रहने वाले लोग सदियों से रह रहे हैं। इंसानों के साथ कई पशु भी रहते हैं। यहां के लोग खासतौर से कुछ साइबेरियन कुत्तों को पालते हैं, जो उनकी घर की देखभाल और शिकार करने में मदद करते हैं।

इस गांव में है 83 साल पुराना स्कूल

सोचिए कि माइनस 51 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले गांव में आधुनिक सुविधाओं और शिक्षा की व्यवस्था करना कितना कठिन है। इसके बावजूद, इस गांव में 83 वर्ष पुराना सरकारी स्कूल है। 1932 में, स्टालिन के राज में यह स्कूल बनाया गया था। यहां स्कूल के अलावा कोई विशेष सुविधा नहीं है। यहां बाजार व्यवस्था अभी भी पुरानी है। लेकिन इस गांव में रहने वाले लोग शहर से सामान ले आते हैं क्योंकि सड़क सुविधा अच्छी है।

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