UP में 37 तहसीलों से गुजरेगा ये नया एक्सप्रेसवे, 6 लेन होगा पूरा मार्ग, चमक जाएंगे 22 जिले
Gorakhpur Expressway : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले से नए एक्सप्रेसवे की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, जो प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
Expressway in Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश से जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे की शुरुआत होने जा रही है। यह एक्सप्रेसवे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से शुरू होगा। इसे गोरखपुर से यूपी की सीमा शामली से होते हुए पानीपत तक ले जाया जाएगा। इस तरह ये यूपी के पूर्वी जिलों को पश्चिमी जिलों से जोड़ेगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एनएचएआई ने इसके रोडमैप पर काम शुरू कर दिया है। ये उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे चार राज्यों का कायापलट करेगा। इन चार प्रदेशों के बीच सड़क मार्ग का सीधा रास्ता ये एक्सप्रेसवे खोलेगा।
नेपाल बाॅर्डर के जिलों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे को भी छह लेन का बनाया जाएगा। इसके लिए भी नई सर्वे एजेंसी नामित की गई है। पहले वाली एजेंसी ने गोरखपुर-संतकबीरनगर होते हुए जो प्रस्तावित अलाइनमेंट बनाया था, उसकी जगह अब गोरखपुर-महराजगंज-सिद्धार्थनगर रूट पर सर्वे हो रहा है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। अभी शामली जाने के लिए गोरखपुर से दिल्ली होकर जाना पड़ता है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे राज्य का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड कॉरिडोर होगा और यह भारत-नेपाल सीमा से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे पर जेट विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए एक हवाई पट्टी भी बनाने की योजना है, जो इस प्रोजेक्ट को खास बनाएगी।
एनएचएआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित प्रोजेक्ट से गंगा एक्सप्रेस-वे भी जुड़ेगा, जिससे दोनों रूट के लोगों को फायदा मिलेगा। इस एक्सप्रेस वे को गोरखपुर-महराजगंज-सिद्धार्थनगर के रास्ते बनाया जाएगा। बहराइच-बलरामपुर होते हुए यह सड़क पश्चिमी यूपी में प्रवेश करेगी। इस सड़क के लिए पहले जिस एजेंसी ने सर्वे किया था, उसकी जगह अब दूसरी एजेंसी को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है। इस एजेंसी ने सर्वे का कार्य आरंभ भी कर दिया है।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे भी सरकार की प्राथमिकता में है। सर्वे के दौरान देखा जा रहा है कि कहां से नई सड़क बनाने में सहूलियत होगी। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर बनाया जाएगा।