UP और एमपी के 44 गांवों से गुजरेगा ये नया एक्सप्रेसवे, सफर में 2 घंटे का बचेगा समय
Gwalior-Agra Expressway : उत्तर प्रदेश राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नया एक्सप्रेसवे जल्द ही तैयार किया जाएगा। जो 88.4 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेसवे के कारण मध्य प्रदेश और यूपी के बीच यात्रा का समय घटकर करीबन एक घंटा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा।

Gwalior-Agra Expressway Route Map : ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए तीन राज्यों – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान (Expressway connecting UP MP Rajasthan) के बीच यात्रा और कनेक्टिविटी में सुधार होगा। यह एक्सप्रेस वे 88 किलोमीटर लंबा और 6 लेन वाला होगा जिससे इन राज्यों के बीच यात्रा की गति तेज होगी और समय की बचत होगी।
क्या है पूरा प्रोजेक्ट?
ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे (Gwalior Agra highway details) का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश के ग्वालियर को उत्तर प्रदेश के आगरा से जोड़ना है। यह एक्सप्रेसवे आगरा के इनर रिंग रोड स्थित देवरी गांव को ग्वालियर बाईपास के सुसेरा गांव से जोड़ते हुए 6 लेन वाली सड़क के रूप में बनेगा। इस रास्ते से गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी। इस परियोजना की कुल लागत 2,497.84 करोड़ रुपये बताई जा रही है और इसमें 502 हेक्टेयर जमीन का उपयोग किया जाएगा।
कौन-कौन से शहर और गांव जुड़ेंगे?
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से आगरा, मुरैना और भिंड के कई गांव जुड़े होंगे। इसमें कुल 47 पुलिया, 4 छोटे पुल और 5 बड़े पुल शामिल हैं। यह एक्सप्रेसवे आगरा के 14 गांवों धौलपुर के 30 गांवों और मुरैना के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरेगा। अंत में यह ग्वालियर एक्सप्रेस वे से जुड़कर ग्वालियर पहुंचेगा।
सफर में होगी कमी, कनेक्टिविटी में सुधार
ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे के बनने से आगरा और ग्वालियर के बीच का सफर 2 से 3 घंटे तक कम हो सकता है। इसके अलावा यह एक्सप्रेस वे इटावा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस वे और कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (New expressway routes India) से जुड़ जाएगा। यह नेटवर्क इन तीन राज्यों के बीच यात्रा को और सुगम बनाएगा।
प्राकृतिक नुकसान और पर्यावरणीय कदम
इस परियोजना के निर्माण के लिए हजारों पेड़ों को काटने की आवश्यकता पड़ी है। कुल 4000 पेड़ों को हटाने की मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि ताज ट्रेपेजियम जोन में लगभग 755 पेड़ों को काटने की मंजूरी मिलना अभी बाकी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने यह सुनिश्चित किया है कि इन पेड़ों के बदले 1.24 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।
अधिग्रहण और मुआवजा
प्रोजेक्ट की निर्माण प्रक्रिया के तहत 550 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है और 95% मुआवजा पहले ही किसानों को दिया जा चुका है। शुरुआती काम का लगभग 85% हिस्सा पूरा हो चुका है और एक्सप्रेस वे के निर्माण की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है।
आर्थिक विकास में मददगार
यह एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा जिससे यात्रा और व्यापार में आसानी होगी। इसके साथ ही यह एक्सप्रेस वे इन राज्यों के लिए पर्यटन और उद्योगिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी करेगा जिससे इन राज्यों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेस वे का निर्माण तीन राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके जरिए इन राज्यों के बीच यातायात सुगम होगा और साथ ही साथ बिजनेस, पर्यटन और औद्योगिकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा जो अंततः इन राज्यों की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।
आगरा और ग्वालियर के टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
ग्वालियर-आगरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से आगरा और ग्वालियर दोनों में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों तक आसान पहुंच प्रदान करके टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बता दें, एक्सप्रेसवे से आगरा और ग्वालियर तक सफर करना आसान होगा। ऐसे में यात्री ताजमहल और अन्य टूरिस्ट्स प्लेस आसानी से देख सकेंगे। यही नहीं इसका लाभ यहां के होटल और रेस्तरां को भी मिलेगा।