The Chopal

UP के 14 जिलों में इस नई मशीनी तकनीक से होगी बिजली चोरी की निगरानी, बिजली चोरों को बड़ा झटका

UP News : उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में बिजली चोरी की प्रथा अब समाप्त भी हो जाएगी। बिजली चोरी को रोकने और मीटर रीडर पर नजर रखने के लिए मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट, या एमआरआई, का उपयोग किया जाएगा। योगी सरकार ने नया कानून लागू किया है, जिसके बाद 5 किलोवाट से 9 किलोवाट तक के बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर लगे मीटरों की MRI द्वारा बिलिंग होगी।

   Follow Us On   follow Us on
UP के 14 जिलों में इस नई मशीनी तकनीक से होगी बिजली चोरी की निगरानी, बिजली चोरों को बड़ा झटका

Bijli In UP: पश्चिमांचल के सभी 14 जिलों में बिजली चोरी को रोकने और मीटर रीडर पर नजर रखने के लिए एमआरआई (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) से मीटर रीडिंग ली जाएगी। यह मेरठ शहर से शुरू हुआ है। अब बिजली बिल पांच किलोवाट से नौ किलोवाट तक के सभी उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर लगे मीटरों की एमआरआई से बनाए जाएंगे, जो पहले दस किलोवाट से अधिक बिजली कनेक्शन वाले मीटरों के एमआरआई से बनाए जाते थे। इससे बिजली चोरी रुकेगी और मीटर रीडरों पर नज़र रहेगी। मीटर में गड़बड़ भी आसानी से पता चल जाएगा।

ये पढ़ें - Bihar में यहां बनेगी नई रेल लाइन, 376 करोड़ हुए जारी, बनाए जाएंगे 12 नए रेलवे स्टेशन

MD चैत्रा V. के निर्देशों के बाद, पश्चिमांचल क्षेत्र के सभी 14 जिलों में पावर कारपोरेशन अधिकारियों ने MRI की तैयारी की। विभिन्न कंपनियों को इसका कार्यभार सौंपा गया है। साईं कंप्यूटर्स को मेरठ का कार्यभार सौंप दिया गया है।

इस तरह काम करेगी मशीन

मीटर के सामने एमआरआई रखने पर कैमरा ऑन हो जाता है, जो फोटो खींचकर पूरा डेटा स्कैन करता है। इससे मीटर में कोई समस्या तुरंत पता चलती है। मेरठ शहर के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र बहादुर ने बताया कि पांच से नौ किलोवाट के सभी उपभोक्ताओं के बिजली मीटर का एमआरई शुरू किया गया है। मीटर में गड़बड़ी, बाईपास कर बिजली चलाने, शंट और मीटर के बाहर रहने के बारे में जानकारी मिलेगी। मीटर रीडर जो रीडिंग छोड़ देते हैं और कम डिमांड भरते हैं, अब काम नहीं करेंगे। एमआईआई पूरा डाटा और जानकारी देगा।

ये पढ़ें - Delhi में यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स देने वालों को बड़ी राहत, जून तक बन जाएगी एक और सर्विस रोड