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अयोध्या की तर्ज पर विकसित होगा UP का यह तीर्थ स्थल, योगी सरकार की है यह योजना

रविवार को UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नैमिषारण्य का विकास अयोध्या की तर्ज पर सरकार की प्राथमिकता है और इसके विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। नैमिषारण्य के एक दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी ने भी यहाँ दर्शन भी किए, पूजा की और अनुष्ठान के अनुसार हवन भी किया।  
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This pilgrimage site of UP will be developed on the lines of Ayodhya, this is the plan of Yogi government

The Chopal - रविवार को UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नैमिषारण्य का विकास अयोध्या की तर्ज पर सरकार की प्राथमिकता है और इसके विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। नैमिषारण्य के एक दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी ने भी यहाँ दर्शन भी किए, पूजा की और अनुष्ठान के अनुसार हवन भी किया।  

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CM योगी ने कहा, 'आज पूरा देश नैमिषारण्य के दर्शन के लिए आन भी चाहता हैं। राम मंदिर की स्थापना के बाद अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और ज्यादा भी बढ़ेगी, इसलिए हमें शुद्ध वातावरण बनाना जरूरी भी होगा, जो सिर्फ शुद्धता से संभव भी है। हम यह भी चाहते हैं की आगंतुकों व पर्यटकों से अच्छा व्यवहार हो सके। जानकारी के लिए बता दे की ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद भी इस धरती पर लिखे गए थे। आपको बता दे की नैमिषारण्य में सभी 18 महापुराण और 6 शास्त्र भी यही लिखे गए हैं। कहा यहाँ तक जाता है कि यहीं रामचरितमानस को भी यही लिखा गया था। श्रीलंका से वापस आने पर भगवान राम ने नैमिषारण्य में एक अश्वमेघ यज्ञ भी किया। यह वही जगह है जहां देवी सीता वापस आ गईं।

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CM योगी ने प्राचीन भूतेश्वरनाथ मंदिर और मां ललिता मंदिर के भी दर्शन भी किए। UP के CM योगी ने नैमिष तीर्थ के विभिन्न मठों और मंदिरों से आए संतों, महंतों और पुजारियों के साथ चक्रतीर्थ पर स्वच्छता श्रम भी किया। आइये जानते हैं नैमिषारण्य से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं को -

नैमिषारण्य तीर्थस्थल, लखनऊ से करीब 90 KM दूर, भारत के अनछुए क्षेत्रों में से एक है। इसका बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। धर्मग्रंथों के मुताबिक, वेद व्यास ने 88,000 ऋषियों को नैमिषारण्य (जिसे नेमिषारण्य, नैमिषारण्य, नीमसार, नैमिष, नीमखार, निमसार और नैमिषारण्यम भी कहते हैं) के जंगलों में वेद, पुराण और शास्त्र का पाढ भी करवाया था।