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राजस्थान में 1388 करोड़ रुपए खर्च से डबल पटरी बनेगी ये रेल लाइन, 2 घंटे बचेगा समय

UP News : उत्तर प्रदेश में आवागमन व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार लगातार बड़े निर्णय ले रही है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच यातायात कनेक्टिविटी और ज्यादा आसान बनाने के लिए रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण का काम हो रहा है। 151 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का दोहरीकरण करने के बाद राजस्थान और उत्तर प्रदेश की यात्रा कम समय में पूरी की जा सकेगी। योजना पूरी होने पर जयपुर से आगरा की दूरी तीन घंटे में ही तय की जाएगी। वर्तमान में ट्रेन से जयपुर से आगरा जाने में चार से पांच घंटे लगते हैं।

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राजस्थान में 1388 करोड़ रुपए खर्च से डबल पटरी बनेगी ये रेल लाइन, 2 घंटे बचेगा समय

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश को राजस्थान के बीच 151 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का दोहरीकरण का काम किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद राजस्थान की राजधानी जयपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा का सफर उम्र तक 3 घंटे में तय किया जा सकेगा। पहले इस सफर को तय करने में पहले चार से पांच घंटे का समय लगता था। 

150 वर्ष पुराना ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक

150 वर्ष पुराना ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक दोहरीकरण हो रहा है। यह रेलवे ट्रैक दो राज्यों के कई बड़े शहरों को एक दूसरे से जोड़ता है। रेलवे बोर्ड इस परियोजना पर 1388 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, जो 151 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण करेगी। योजना पूरी होने पर जयपुर से आगरा की दूरी तीन घंटे में ही तय की जाएगी। वर्तमान में ट्रेन से जयपुर से आगरा जाने में चार से पांच घंटे लगते हैं। इस कार्य को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इलेक्ट्रिफिकेशन भी ट्रैक डबलिंग से होगा। 150 किमी लंबी लाइन का दोहरीकरण होगा। इस रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के बाद 2 घंटे की दूरी काम हो जाएगी। 

रेलवे बोर्ड ने इस काम को शुरू किया है। इसमें पहले जमीन का समतलीकरण किया जाएगा। फिलहाल, बिवाई खंड से उत्तर मध्य रेलवे के पंचमुखी तक भूमि समतलीकरण का काम चल रहा है। योजना को दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बांदीकुई-आगरा राजस्थान का सबसे पुराना रेलमार्ग है

राजस्थान की सबसे पुरानी रेल लाइन बांदीकुई-आगरा है। अप्रैल 1874 में जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच पहली मीटरगेज लाइन शुरू हुई। इस रेलमार्ग की लंबाई करीब 150 किलोमीटर है। यह रेलवे आगरा से जयपुर और अजमेर को सीधे जोड़ता है। 20 साल पहले इस रेलवे लाइन को बॉडगेज में बदल दिया गया था। इस रेलमार्ग पर भी दो साल पहले विद्युतीकरण किया गया था, लेकिन कई सालों से दोहरीकरण का इंतजार था।

रेलवे ट्रैक को 1874 में बनाया गया

उत्तर प्रदेश और राजस्थान को जोड़ने वाले मार्ग पर चरणबद्ध रूप से काम किया जाएगा।उत्तर मध्य रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण करने के लिए जल्द ही भूमि अवाप्त की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए, भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर उपखंड अधिकारी भरतपुर व नदबई को सक्षम अधिकारी नियुक्त किया है। रेलवे ट्रैक बांदीकुई से आगरा तक लगभग 151 किलोमीटर है। इस रेलवे ट्रैक को 1874 में बनाया गया था। करीब 150 साल बाद, आगरा से बांदीकुई ऐतिहासिक रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जा रहा है। रेलवे ट्रैक का निर्माण अगले दो वर्षों में पूरा होना चाहिए। इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

300 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति, तीन चरणों में

रेलवे बोर्ड ने आगरा बांदीकुई रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण करने के लिए लगभग 1388 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। अब तक, इसके लिए तीन चरणों में 300 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें पहले चरण में ३० करोड़ रुपये, दूसरे चरण में ७० करोड़ रुपये और तीसरे चरण में २०० करोड़ रुपये दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी 2024 को आगरा फोर्ट-बांदीकुई रेल लाइन का दोहरीकरण कार्य का ऑनलाइन शिलान्यास किया था। 150 किलोमीटर की रेलवे लाइन का दोहरीकरण मई 2026 तक पूरा होना चाहिए। जयपुर से आगरा तक ट्रेन चलाने वालों के लिए अच्छी खबर है। रेलवे बोर्ड ने लगभग पांच साल पहले बांदीकुई रूट का सर्वे आगरा से कराया था। इस मार्ग पर डबलिंग की तैयारी अब शुरू हो चुकी है। बजट 987 करोड़ रुपये मंजूर किया गया है।

नए स्टेशन भवन बनेंगे

रेलवे लाइन को दोहरी करने और यात्रियों को सुविधा देने के लिए बिवाई, घोसराना, करणपुरा, मंडावर, खेडली, नदबई, पपरेडा, हेलक, भरतपुर, ईकरण, चिकसाना, अछनेरा, रायभा, बिचपुरी, ईदगाह सहित कई स्टेशनों पर नए भवन बनाए जाएंगे।

समय के साथ-साथ धन भी बचेगा

राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहर बांदीकुई-आगरा रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। इस रेल मार्ग को दोहरीकरण करने से समय और पैसा बचेगा। इस रेल लाइन पर फिलहाल 30 जोड़ी सवारी गाड़ी चलती हैं। इसके अलावा, इस रेल लाइन पर हर दिन चालिस मालगाड़ियां माल ढुलाई करती हैं। भविष्य में इस ट्रैक पर अधिक सवारी और मालगाड़ियां चलाई जाएंगी। इस रेलवे लाइन पर गाड़ियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए, दोहरीकरण की जरूरत महसूस हुई। बांदीकुई से आगरा के लगभग 151 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी और पेंसेंजर ट्रेनों को कई बार रोककर एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों को चलाया जाता है। ऐसे में ट्रेन बार-बार स्टेशनों पर अटकी रहती हैं। भविष्य में बांदीकुई-आगरा रेलवे ट्रैक को दोहरीकरण करने से आगरा से बांदीकुई की दूरी कम हो सकेगी। वाहनों की संख्या भी बढ़ सकती है।