UP में इस रेल लाइन का होगा दोहरीकरण, बनेगें 10 क्रॉसिंग स्टेशन और 54 पुल
Uttar Pradesh : यूपी में जल्द ही एक और लाइन का कार्य शुरू हो सकता है. गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रेलखंड कर के दोहरीकरण यानि की पटरी के डबल करने का कार्य किया जाना है. क्योंकि इस नई रेलवे लाइन को 2 महीने पहले मंजूरी दे दी गई थी. इससे उत्तर भारत से पूर्वोतर भारत की रेलवे कनेक्टिविटी और अधिक सुगम होगी। लाइन क्षमता का विस्तार होने से ज्यादा ट्रेनों का परिचालन हो सकेगा। गौरतलब है कि रेलवे प्रशासन की तरफ से 1269.8 करोड़ रुपए की लागत से दोहरीकरण का कार्य 3 साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सर्वे आदि के कार्य पहले ही पूरे कर लिए गए थे। मंजूरी के बाद कागजी औपचारिकताओं को पूरा करने के साथ ही रेलवे ने टेंडर आदि की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। रेलवे प्रशासन ने 3 साल में चरणवार कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि कैंट से वाल्मीकिनगर के बीच पड़ने वाली गंडक नदी पर 854 मीटर लंबा पुल बनाना चुनौतीपूर्ण होगा। इस दोहरीकरण के कार्य में 16 बड़े व 38 छोटे पुल बनेंगे। इस रेलखंड में वाल्मीकिनगर सहित 10 क्रॉसिंग स्टेशन और दो हाल्ट स्टेशन बनेंगे।
89 किमी यूपी में और 6.05 किमी बिहार में
गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर के बीच 95.95 किलोमीटर दोहरीकरण का कार्य होना है। जिसमें लगभग 89 किलोमीटर उत्तर प्रदेश और लगभग 6.05 किलोमीटर बिहार में निर्माण होगा। रेल मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 में वाल्मीकिनगर रेल मार्ग के दोहरीकरण की स्वीकृति प्रदान की थी। इस कार्य के लिए 1199 करोड़ रुपए का बजट भी पास कर दिया था।
रेलखंड के दोहरीकरण हो जाने से मालगाड़ियां और यात्री ट्रेन कम समय में उत्तर भारत पंजाब से पूर्वी भारत असम तक पहुंच जाएंगे। पंजाब से असम के बीच गोरखपुर वाल्मीकिनगर रूट ही दोहरीकरण से अछूता था। इसके चलते दिल्ली हावड़ा मेल रेल लाइन पर ही ट्रेनों का सर्वाधिक दबाव रहता है। पूर्वी भारत से उत्तर और पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी सुगम होगी साथ ही पश्चिम चंपारण, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर के लोगों को भी सुविधा होगी।
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