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MP की इस रेललाइन का होगा दोहरीकरण, पटरियों के साथ प्लेटफार्म होंगे चौड़े

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नीमच से रतलाम तक रेलवे लाइन को दोहराने के बाद रतलाम से फतेहाबाद-इंदौर रेलवे को भी दोहराया जाएगा।

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MP की इस रेललाइन का होगा दोहरीकरण, पटरियों के साथ प्लेटफार्म होंगे चौड़े

The Chopal, New Delhi : रतलाम-नीमच रेलवे लाइन को दोहरीकरण करने के लिए लगभग दो साल की लागत से अब पटरियां बिछाने के साथ-साथ प्लेटफार्म की चौड़ाई भी बढ़ाई जा रही है। योजना का लगभग 35 प्रतिशत काम अभी पूरा हुआ है, इसलिए अधिक समय लगेगा। शेष काम जल्दी पूरे होंगे। Second Line को मार्च 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है।

ठेकेदार फर्म भी

काम शुरू होने के बाद रेलवे ने ठेका लेने वाली फर्म को सिविल, इलेक्ट्रिकल, सिग्नल और टेलीकाम सहित अन्य सेवाएं दी हैं। इसलिए काम तेजी से हो रहा है। 133 किमी लंबे इस दोहरी रेलमार्ग से नई ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और सफर का समय भी कम होगा।
प्रति किमी 8.25 करोड़ रुपये

योजना में सिविल वर्क पर 868 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि बाकी 134 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नल, टेलीकाम 88.41 और मैकेनिकल पर 4.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रति किमी 8.25 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नीमच और रतलाम में काम चल रहा है। धौंसवास में पटरियां बिछाने के बाद नामली में भी प्लेटफार्म चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

रतलाम से चित्तौड़गढ़ तक दोहरी रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद शुरू हो जाएगा। योजना में 31 बड़े और 133 छोटे ब्रिज और 18 रेलवे स्टेशनों को सुधार दिया जाएगा। नीमच से दलौदा की दूरी 63.94 किमी है, जबकि दलौदा से रतलाम की दूरी 68.98 किमी है। सिंगल लाइन पर ट्रेनों का वर्तमान भार 150 प्रतिशत है।

रतलाम से इंदौर तक दोहरीकरण की अनुमति का इंतजार रतलाम से फतेहाबाद-इंदौर रेलमार्ग को नीमच से रतलाम तक दोहरीकरण के बाद बनाया जाएगा। 120 किमी लंबी सड़क का दोहरीकरण करना लगभग 1760 करोड़ रुपये का खर्च होगा। बोर्ड द्वारा मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू होगा। वर्तमान में सिर्फ एक लाइन है, इसलिए यात्री ट्रेनों को बार-बार क्रासिंग करना पड़ता है।

रेलवे भविष्य में अधिक ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए इंदौर से जुड़ने वाले इंदौर-देवास-उज्जैन, राऊ-महू और इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम रूटों को दोहरी कर रहा है। इससे ट्रेनों का संचालन सरल होगा। फतेहाबाद से उज्जैन रेलवे लाइन का भी दोहरीकरण सर्वे किया गया है। 22 किमी लंबे इस मार्ग को भी दोहरीकरण किया जाएगा।

ये लाभ रेललाइन दोहरीकरण से मिलेंगे: मालगाड़ियों या पैसेंजर ट्रेनों को क्रासिंग करने के लिए पैसेंजर ट्रेन को स्टेशन पर खड़ा रहना नहीं पड़ेगा। अब उदयपुर, जयपुर, अजमेर और कोटा के लिए नई ट्रेनें चल सकती हैं।

ट्रेनों की संख्या 30 से अधिक होगी, वर्तमान में 16 जोड़ी यात्री गाड़ी चल रही हैं: पैसेंजर, एक्सप्रेस, मेल एक्सप्रेस और साप्ताहिक।
माल लदान में 50% तक का इजाफा होगा, जिससे रेलवे का राजस्व बढ़ेगा। 10-12 सीमेंट फैक्टरियां नीमच और चित्तौड़गढ़ में हैं।
रेल दुर्घटना या खराबी होने पर दूसरी लाइन से यातायात भेजा जा सकता है। ऐसे हालात में रूट बंद हो जाता था।
उनका कहना है कि रेल प्रशासन नीमच-रतलाम रेललाइन दोहरीकरण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए मानीटरिंग कर रहा है। दोहरीकरण से यात्रियों को सफर करना आसान होगा।  -खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेलमंडल

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