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इस रिंग रोड को किया जाएगा 80 मीटर चौड़ा, 39 गांवों की 1600 एकड़ जमीन की जाएगी अधिग्रहित

नया बायपास और पश्चिमी रिंग रोड के लिए 3 विकल्प राज्य सरकार द्वारा परिवहन मंत्रालय को भेजे गए. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने 140 किलोमीटर के नए रिंग रोड पर समझौता किया। किंतु उसमें से फिलहाल 64 किलोमीटर का हिस्सा केंद्र ने स्वीकार किया है,
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This ring road will be made 80 meters wide, 1600 acres of land from 39 villages will be acquired.

The Chopal News : नया बायपास और पश्चिमी रिंग रोड के लिए 3 विकल्प राज्य सरकार द्वारा परिवहन मंत्रालय को भेजे गए. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने 140 किलोमीटर के नए रिंग रोड पर समझौता किया। किंतु उसमें से फिलहाल 64 किलोमीटर का हिस्सा केंद्र ने स्वीकार किया है, जिसमें 39 गांवों में लगभग 1600 एकड़ जमीन दी जाएगी और लगभग 600 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वर्तमान में सिक्स लेन रोड की चौड़ाई 80 मीटर है, लेकिन भविष्य में इसे 10 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। भूमि अधिग्रहण की जल्द ही शुरुआत को लेकर कल कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक में चल रहे अन्य परियोजनाओं की भी चर्चा हुई।

केन्द्र ने पिछले दिनों पश्चिमी रिंग रोड का 64 किलोमीटर का हिस्सा बनाने की सहमति दी है, और गजट नोटिफिकेशन जारी करके अनुविभागीय अधिकारियों को जमीन अधिग्रहण करने की अनुमति दी गई है। 80 मीटर चौड़ा रोड, इंदौर और धार-पीथमपुर के गांवों को मिलाकर शिप्रा के पास से नेटरेक्स तक बनाया जाएगा। हातोद में अरनिया, उषापुरा, मिर्जापुर, बड़ोदियापंथ, अकसोदा, सिकंदरी, पलादी, जिंदाखेड़ा, नहरखेड़ा, बसांद्रा, कनाडिय़ा, पलासिया, जम्बुदी सर्वर, मांगलिया, अरनिया और अजनोटी गांव हैं. 

सांवेर क्षेत्र में बालोदा टाकुन, सोलसिंदा, कटक्या, रतनखेड़ी, धतुरिया, मंडला, हुसेन, बरलाई जागीर, ब्राह्म पीथमपुर के जमोदी और बर्दरी के अलवा धारा के कल्याणसीखेड़ी, खंडवा, अकोलिया भी आएंगे। NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल ने कल कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंदौर जिले में एनएचआई के तहत चल रहे सभी कार्यों की समीक्षा की।

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पश्चिमी रिंग रोड, जो 6 लेन का होगा और 64 किलोमीटर लम्बा होगा, एनएच-52 में नेटरेक्स के निकट से शुरू होकर शिप्रा नदी के निकट समाप्त होगा। इसमें तीन रेलवे ओवरब्रिज, दो बड़े पुल और 30 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इसके लिए लगभग 638 हेक्टेयर, यानी 1600 एकड़ जमीन मिलनी चाहिए, जिसमें कुछ सरकारी होगी. साथ ही लगभग 600 करोड़ रुपये का मुआवजा भी देना होगा, जिसमें 75 प्रतिशत केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय से मिलेगा, जबकि 25 प्रतिशत राज्य शासन से मिलेगा। सिक्स लेन रोड का निर्माण परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत होगा, जिसमें केन्द्र सरकार 40 प्रतिशत और निर्माण एजेंसी 60 प्रतिशत देगी। 

वह इसके एवज में टोल टैक्स वसूल सकेगा। परिवहन मंत्रालय ने अभी टोल सडक़ों पर नए नियम लागू किए हैं, जिसमें जितने किलोमीटर की दूरी पर टोल देना होगा। यह सड़क 80 मीटर चौड़ाई में बनाई जा रही है, ताकि भविष्य में यातायात का दबाव बढऩे पर 10 लेन तक बढ़ाया जा सके. बार-बार जमीन अधिग्रहण से लेकर अन्य प्रक्रियाओं में समय लगता है। इसलिए एक बार में 80 मीटर की चौड़ाई की जमीन भी अधिग्रहित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 140 किलोमीटर का काम तैयार करके केंद्र को भेजा गया था। लेकिन परिवहन मंत्रालय ने कुछ समय पहले उसमें से 64 किलोमीटर के हिस्से को ही अनुमति दी। 39 गांवों की लगभग 1600 एकड़ जमीन अब इंदौर और धार प्रशासन को मिलेगी, इसलिए रजिस्ट्रियों पर भी रोक लग सकती है क्योंकि कई जमीनी जादूगर सड़क बनाने की भनक पड़ते ही आसपास की जमीन खरीद लेते हैं।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे इंदौर से सीधे जुड़ेगा

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के मध्यप्रदेश मार्ग पर पिछले दिनों यातायात शुरू हो गया है। अब इसे इंदौर से सीधा जोड़ने की कोशिश भी की जा रही है। NHAI 35 किलोमीटर का फोर लेन पिटोल से टिमरवानी तक बनाएगा. इसके निर्माण के बाद इंदौर से सूरत, अहमदाबाद और मुंबई तक आसान यात्रा होगी। उज्जैन-गरोठ राजमार्ग का निर्माण अभी चल रहा है, जो इंदौर से पिटोल तक 160 किलोमीटर लंबा होगा। टिमरवानी तक 35 किलोमीटर की दूरी बनाने के बाद, इंदौर से सीधा 155 किलोमीटर दूर इंदौर-दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा। इंदौर से शिप्रा तक 20 किलोमीटर और फिर गरोठ तक 168 किलोमीटर की दूरी तय करने पर एक्सप्रेस-वे 188 किलोमीटर दूर पहुंच सकेगा।

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