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देश का ये खास एक्सप्रेसवे, सिंगल पिलर पर 8 लेन, इंजीनियरों का अनोखा कारनामा, बुर्ज खलीफा भी रह जाएगा पीछे

Dwarka Expressway : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 मार्च को गुरुग्राम में Dwarka Expressway उद्घाटन किया। यह एक्सप्रेस-वे अपने आप में एकमात्र है। इसकी विशिष्टता यह है कि यह देश में एक पिलर पर आठ लेन का पहला एक्सप्रेस-वे है। यह एफिल टावर और बुर्ज खलीफा को भी पीछे छोड़ देगा। यह शुरू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर जाम कम होगा।

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देश का ये खास एक्सप्रेसवे, सिंगल पिलर पर 8 लेन, इंजीनियरों का अनोखा कारनामा, बुर्ज खलीफा भी रह जाएगा पीछे

The Chopal : दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने से लेकर गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक तक द्वारका एक्सप्रेस-वे (Dwarka Expressway) बनाया जा रहा है। इसे दो भागों में बांटा गया है, ताकि बेहतर तरीके से निर्माण हो सके। गुरुग्राम क्षेत्र का निर्माण पूरा हो चुका है, जिसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 मार्च को उद्घाटन किया। दिल्ली क्षेत्र में टनल का लगभग 10 प्रतिशत काम बाकी है। यह देश का सबसे अनोखा राजमार्ग है। वर्तमान में देश में एक ही पिलर पर आठ लेन का एक्सप्रेस-वे नहीं है। पूरा प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक दबाव 30 प्रतिशत से अधिक कम होने की उम्मीद है।

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इससे भी प्रदूषण काफी कम होगा। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे (Delhi-Gurugram Expressway) पर भारी ट्रैफिक दबाव 24 घंटे तक रहता है, सिर्फ पीक आवर के दौरान नहीं। इसी से दबाव का अनुमान लगाया जा सकता है कि सिरहौल बार्डर से हर दिन औसतन साढ़े तीन लाख वाहन गुजरते हैं। वाहनों को सुबह आठ बजे से 11 बजे तक और शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक एक्सप्रेस-वे पर रेंगना पड़ता है। 

देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे

द्वारका एक्सप्रेस-वे का विवरण:

लंबाई: 29 किलोमीटर
खर्च: 9,000 करोड़ रुपये से अधिक
स्थान:
18.9 किलोमीटर: गुरुग्राम
10.1 किलोमीटर: दिल्ली
सेगमेंटेशन:
23 किलोमीटर: एलिवेटेड
लगभग 4 किलोमीटर: भूमिगत (टनल)
निर्माण कंपनियां:
गुरुग्राम: एलएंडटी नामक निर्माण कंपनी
दिल्ली: जय कुमार इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक निर्माण कंपनी
भागीयकरण:
गुरुग्राम:

पहला भाग: गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक (लगभग 4.20 किलोमीटर)
दूसरा भाग: खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से धनकोट के नजदीक तक (लगभग 8.76 किलोमीटर)

दिल्ली:

पहला भाग: बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक (लगभग 5.90 किलोमीटर)
दूसरा भाग: बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक (लगभग 5.90 किलोमीटर)

प्रोजेक्ट की विशेष खासियत

निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल होगा, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है।
20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा, जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है।
प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे से लोग सीधे एयरपोर्ट पहुंचने के लिए 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण।
अनुमान है कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव 30 प्रतिशत से अधिक कम हो जाएगा।

फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर

द्वारका एक्सप्रेस-वे को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे और सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) से जोड़ने के लिए पूरा क्लोवरलीफ फ्लाईओवर खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास बनाया गया है। इससे कार पूरी रफ्तार से किसी भी सड़क पर चल सकेगी। SPRAR गांव घाटा के पास गुरुग्राम-फरीदाबाद राजमार्ग से जुड़ा है। दिल्ली और फरीदाबाद भी पूरी तरह से क्लोवरलीफ फ्लाईओवर बनने से फायदा उठाएंगे। वाहनों को जो फरीदाबाद से आते हैं, वे इफको चौक से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने की बजाय सीधे खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ेंगे।

गुरुग्राम के लाखों लोगों को होगा लाभ

Dwarka Expressway से गुरुग्राम के सेक्टर-81 से लेकर सेक्टर-115 तक सीधा संपर्क है। यही नहीं, दो दर्जन से अधिक कालोनियां सीधे एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। 10 से अधिक गांव पास में हैं। यही कारण है कि लाखों लोग इसके शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। दौलताबाद गांव के निवासी जयशंकर वर्मा का कहना है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे को रात में देखकर ऐसा लगता है कि वह अपने देश में नहीं है।

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