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UP के इस जिले में 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर लगेंगे हजारों उद्योग, दिल्ली-गुरुग्राम रह जाएंगे पीछे

UP News : यूपी का ये जल्द ही बड़े रोजगार का हब बनने जा रहा है। दरअसल इस जिले में छ: हजार से अधिक उद्योग लगेंगे। इसके लिए 500 एकड़ की जमीन चिह्नित की है...
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UP : दिल्ली से सटा उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद जिला जल्द ही बड़ा रोजगार का हब बनने जा रहा है। जिले के लोनी, भोजपुर, निवाड़ी और राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में 6000 से अधिक उद्योग लगेंगे। इसके लिए यूपी सीडा ने लोनी क्षेत्र में 500 एकड़ जमीन चिह्नित की है। UP में 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर लगाए जाएंगे हजारों उद्योग, दिल्ली गुरुग्राम भी विकास के मामले में यूपी से पीछे रह जायेंगे.

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने मास्टर प्लान 2031 में भोजपुर, निवाड़ी और राजनगर एक्सटेंशन स्थित नॉदर्न पेरिफेरल रोड पर करीब 500 हेक्टेयर भूमि उद्योगों के लिए चिह्नित की है। जनपद में इतनी तादाद में औद्योगिक इकाइयों के खुलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही इन क्षेत्रों का विकास भी तेजी से होगा।

गाजियाबाद की पहचान औद्योगिक हब के रूप में है। यहां 24 सरकारी और 20 से अधिक निजी औद्योगिक क्षेत्र हैं, जिनमें 35 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित है, जिसमें 12 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यशील हैं। यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपी सीडा) ने लोनी के पचायरा और आलियाबाद क्षेत्र में 500 एकड़ जमीन चिह्नित की है।

इस जमीन पर औद्योगिक पार्क विकसित होंगे। जीडीए ने मास्टर प्लान 2031 में औद्योगिक क्षेत्र को विस्तार देने की योजना बनाई है। इसमें नॉदर्न पेरिफेरल रोड पर करीब 500 हेक्टेयर भूमि उद्योगों के लिए चिह्नित किया है। भोजपुर, निवाड़ी में भी इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए जमीन चिह्नित की गई है। 

बेहतर कनेक्टिविटी की सुविधा-

नए औद्योगिक पार्क जहां भी विकसित करने की योजना है। वहां कनेक्टिविटी की बेहतर सुविधा है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के फोर्ज़िंग उद्योग से जुड़े बृजेश अग्रवाल ने बताया कि सड़क कनेक्टिविटी से लेकर रेल मार्ग और ईस्टर्न पेरिफेरल के साथ मेरठ एक्सप्रेसवे के बनने से कनेक्टिविटी अच्छी है। दिल्ली से भारी वाहनों की आवाजाही आसान हो गई है।

यह उद्योग लगेंगे-

इन क्षेत्रों में एमएसएमई इकाइयां लगेंगी। एक जिला एक उत्पाद को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से आईटी व इलेक्ट्रानिक सेक्टर, हैंडलूम, टेक्सटाइल, सर्विस सेक्टर, एनर्जी, फोर्ज़िंग, हस्तशिल्प उत्पाद, सौर ऊर्जा, मैटल व मशीनरी उत्पाद, केबल, होम एप्लाइंसेस, बल्ब, इंजीनियरिंग एवं फैब्रिकेशन, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, ग्लास, पाइप आदि की इकाइयां लगेंगी।

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