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उत्तर प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों पेंशन का पैसा लगा दिया प्राइवेट बीमा कंपनी में, अब होगी कड़ी कार्रवाई

UP News - हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त और कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों के न्यू पेंशन स्कीम के धन की कटौती में बड़ी गड़बड़ी हुई है। नीचे खबर देखें
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Thousands of government employees of Uttar Pradesh invested their pension money in private insurance company, now strict action will be taken

UP News - अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक (एडेड) स्कूलों में एक अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त और कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों के न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के पैसे की कटौती में बहुत गड़बड़ी हुई है। विभाग के कर्मचारियों ने अधिकारियों की सहायता से बीस जिलों के चार हजार से अधिक कर्मियों का धन निजी बीमा कंपनियों में जमा कर दिया, जो कानून के खिलाफ था। शासन ने जांच कराकर उत्तरदायी लोगों के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश दिया है।

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शासन के निर्णय के अनुसार एक अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त/कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों के वेतन से की गई कटौती व सरकार का अंश, निर्धारित बीमा कंपनियों में जमा करना था। लेकिन, दो दर्जन से अधिक जिलों में संबंधित कर्मियों की सहमति के बिना यह पैसा निजी बीमा कंपनियों में जमा कर दिया गया।

मामले में शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक, डीआईओएस व वित्त एवं लेखाधिकारी को 25 जिलों की सूची भेजी है। इसमें कहा गया है कि इन जिलों में एक अप्रैल, 2022 से आठ नवंबर, 2023 के बीच 4257 कर्मियों के साथ गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। संबंधित अधिकारी अपने कार्यालयों के माध्यम से इसकी जांच कराकर तत्काल संबंधित अधिकारी/पटल सहायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएं। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई करके निदेशालय को सूचित करें।

एक फीसदी कमीशन का लालच-

उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि यह पूरा मामला कमीशनखोरी का है। निजी कंपनियों में एक फीसदी कमीशन मिलता है। सिर्फ लखनऊ की बात करें तो 25 करोड़ का एक फीसदी कमीशन संबंधित को मिला होगा। मामले की एसटीएफ से जांच हो व दोषियों पर कार्रवाई हो। यह भी देखा जाए कि इससे पहले तो गड़बड़ी नहीं हुई है।

25 जिलों में गड़बड़ी-

लखनऊ, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कुशीनगर, गौतमबुद्ध नगर, इटावा, बुलंदशहर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बलरामपुर, काशगंज, बिजनौर, झांसी, रामपुर, देवरिया, गाजियाबाद, अलीगढ़, चित्रकूट, फतेहपुर, मेरठ, आगरा, सोनभद्र

क्या है नियम-

एक अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त/कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों के मूल वेतन का 10 फीसदी और सरकार का 14 फीसदी अंश एनएसडीएल के माध्यम से निर्धारित एसबीआई, एलआईसी या यूटीआई में जमा किया जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को लिंक व पासवर्ड दिया गया है। संबंधित अंशधारक की सहमति से इसे अन्य निजी बीमा कंपनियों में जमा कर सकते हैं। संबंधित कर्मी अपने परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (प्रान) से इसकी जानकारी कर सकेंगे।

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