UP में इस एक्सप्रेसवे पर बदला टोल वसूली का नियम, अब इतना लगेगा Toll Tax
UP News : अब गंगा एक्सप्रेसवे पर दूरी के हिसाब से टोल वसूला जाएगा। वाहन प्रवेश द्वार और निकास द्वार पर ट्रेस किए जाएंगे और इसके आधार पर शुल्क वसूला जाएगा। जिला संभल में गंगा एक्सप्रेसवे पर लगभग लगभग 38 किलोमीटर रास्ता गुजरेगा इस पूरे प्रक्रिया में खंड में दो मुख्य इंटरचेंजिंग पॉइंट प्रस्ताव तैयार किया गया है।

Uttar Pradesh News: अब गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली की स्थिति स्पष्ट है कि कितनी दूरी पर टोल देना होगा। इसके लिए, एक्सप्रेस वे पर प्रवेश के दौरान आपका वाहन जिस टोल बूथ से ट्रेस हुआ है और जिस टोल बूथ से निकाला गया है, उसी के आधार पर यह निर्धारित होगा। अगस्त 2025 तक, एक्सप्रेसवे पूरा होने की संभावना हैं और वाहन 120 km/h तक चल सकेंगे। इससे प्रयागराज से मेरठ की दूरी छह से सात घंटे में तय हो सकेगी।
38 किमी तक का हिस्सा
यदि कोई वाहन संभल जिले में बहजोई स्थित जिला मुख्यालय के निकट लहरावन गांव से एक्सप्रेसवे पर आता है और खिरनी पर बने इंटरचेंजिंग गेट से बाहर निकलता है तो उसे करीब 24 किलोमीटर की दूरी पर टोल देना पड़ेगा। इस व्यवस्था में टोल टैक्स केवल सफर की दूरी पर निर्भर करता है। जिस दौरान कहा गया था कि कम दूरी होने पर उतना ही टाल देना पड़ेगा जितना वाहन स्वामी लंबी दूरी को तय करता है. गंगा एक्सप्रेसवे जिला संभल में लगभग 38 किमी तक का हिस्सा हैं। इस पूरे खंड में दो प्रमुख विनिमय स्थान प्रस्तावित हैं, बहजोई के निकट लहरावन गांव और संभल के खिरनी क्षेत्र में। टोल बूथ के स्थान पर प्रवेश और निकासी द्वार बनाए जाएंगे। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सेवा लेन का निर्माण भी हो रहा है, जो स्थानीय लोगों को मुफ्त देगा।
आठ लेन तक बढ़ाया जाएगा एक्सप्रेसवे
यूपीईडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा होना था, लेकिन मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर और एनसीआर क्षेत्र में लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चलते काम में देरी हुई। अब यह परियोजना अगस्त 2025 तक पूरी होने की संभावना है और सितंबर 2025 से काम शुरू हो सकता है। जैसा कि आप जानते हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 अप्रैल 2025 को हरदोई में इस मार्ग का निरीक्षण किया और अधिकारियों को उचित समय पर काम पूरा करने का आदेश दिया. पहले यह छह लेन का होगा, लेकिन बाद में इसे आठ लेन तक बढ़ाया जाएगा। 120 किमी/घंटा की गति की वाहन सीमा है।
90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा
गंगा एक्सप्रेसवे पर 15 रैंप प्लाजा और दो मुख्य टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। रैंप प्लाजा एक्सप्रेसवे के प्रवेश द्वारों और निकासी द्वारों पर होंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों ओर भोजन कोर्ट, शौचालय और विश्रामगृह भी होंगे। राज्य में गंगा एक्सप्रेसवे आगरा-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग और मुरादाबाद-बुलंदशहर राज्य राजमार्ग को जोड़ता है। इसके लिए दो जगह इंटरचेंजिंग की जा रही है। फिलहाल, इसके निर्माण का लगभग 90 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है और सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है।
एक्सप्रेस वे में प्रवेश केवल लहरावन और खिरनी से किया जाएगा।
कमजोरी: यूपीपीडा के अधिशासी अभियंता ने बताया कि बहजोई के निकट लहरावन पर आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे को जोड़ने के लिए जिला मुख्यालय में इंटरचेंजिंग के लिए एक प्रवेश द्वार और निकासी द्वार बनाया जा रहा है। रैंप टोल बूथ, जहां वहां को ट्रेस किया जाएगा, इन दोनों पर होगा। साथ ही, राज्य के संभल के निकट खिरनी मोहिउद्दीनपुर पर मुरादाबाद-बुलंदशहर राजमार्ग को जोड़ने के लिए प्रवेश द्वार और निकासी द्वार बनाए जा रहे हैं, जहां रैंप टोल बूथ भी होंगे।
120 किमी की गति सीमा, बस-ट्रक से अलग टोल रेट
गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल दरों का निर्धारण किया जाएगा। कार, ट्रक, बस और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की टोल लागत अलग होगी। साथ ही, इस राजमार्ग की अधिकतम गति 120 km/h होगी। सुरक्षा के लिए हर 30 किलोमीटर पर पुलिस सहायता चौकियां और सीसीटीवी निगरानी भी होगी। गंगा एक्सप्रेसवे के शुरू होने से मेरठ से प्रयागराज की दूरी अब केवल छह से सात घंटे में तय की जा सकेगी, जो अभी बारह से चौबीस घंटे लगती है। मार्ग उत्तर प्रदेश के बारह जिलों से गुजरेगा, जिनमें संभल भी महत्वपूर्ण है। जनपद संभल में राजमार्ग की लंबाई करीब 34 किमी है। निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और अगस्त 2025 तक पूरा होना चाहिए।