गोरखपुर जंक्शन पर अब इन 2 प्लेटफार्म पर ही आयेंगी ट्रेनें, नॉन इंटरलॉकिंग कार्य से इतनी ट्रेन रद्द
Train Schedule Recruitment : ऐसा पहली बार होगा जब एक साथ 122 ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। 28 का रूट बदल दिया गया है। गोरखपुर जंक्शन से रोज औसतन 50 से 55 हजार यात्री अनारक्षित और आरक्षित बोगियों में यात्रा करते हैं। इनसे रोजाना करीब 70 लाख रुपये की आय है।

Trains News : 12 अप्रैल से 2 मई तक गोरखपुर जंक्शन पर कर्फ्यू जैसा माहौल रहेगा। इस दौरान आठ प्लेटफॉर्म बंद कर दिए जाएंगे। सिर्फ दो प्लेटफॉर्मों से ट्रेनों का संचलन होगा। प्लेटफॉर्म नंबर-1 से बस्ती-लखनऊ की ओर जबकि प्लेटफॉर्म नंबर-3 से बिहार और वाराणसी रूट की ट्रेनों का संचलन होगा। नॉन इंटरलॉकिंग काम के लिए मेगा ब्लॉक के चलते 22 दिन तक 122 ट्रेनें निरस्त रहेंगी। दिन में कुछ चुनिंदा ट्रेनें ही चलाई जाएंगी, इसी दौरान कुछ चहल-पहल रहेगी, बाकी समय प्लेटफार्मों पर सन्नाटा पसरा रहेगा। यार्ड रिमॉडलिंग के लिए ब्लॉक के दौरान 22 दिनों में जहां करीब 11 लाख यात्रियों की यात्रा रद्द होगी वहीं रेलवे को करीब 12 करोड़ रुपये का नुकसान भी होगा।
ऐसा पहली बार होगा जब एक साथ 122 ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं और 28 का रूट बदल दिया गया है। गोरखपुर जंक्शन से रोजाना औसतन 50 से 55 हजार यात्री अनारक्षित और आरक्षित बोगियों में यात्रा करते हैं। इनसे रोजाना करीब 70 लाख रुपये की आय है।
अब तक का सबसे बड़ा ब्लॉक
पूर्वोत्तर रेलवे 12 अप्रैल से अब तक सबसे बड़ा ब्लॉक लेने जा रहा है। ये ब्लॉक दो मई तक चलेगा। कुल 22 दिनों तक के इस ब्लॉक में गोरखपुर से और होकर जाने वाली रूटीन और स्पेशल मिलाकर 122 ट्रेनें निरस्त रहेंगी। इस ब्लॉक के दौरान गोरखपुर में यार्ड रिमॉडलिंग का काम किया जाएगा। इस दौरान गोरखधाम, वैशाली जैसी कुछ प्रमुख ट्रेनें छोड़ बाकी लगभग ज्यादातर गाड़ियां निरस्त रहेंगी। कुछ गाड़ियों को डायवर्ट तो कुछ को शार्ट टर्मिनेट भी किया गया है।
एनईआर के ट्रेन निरस्तीकरण शेड्यूल के अनुसार 12 अप्रैल से 26 अप्रैल तक प्री एनआई होगी उसके बाद 27 अप्रैल से 3 मई तक एनआई का काम किया जाएगा। इंटरलॉकिंग के बाद ट्रेनों का संचलन काफी सहज हो जाएगा। ट्रेनें बेवजह डोमिनगढ़ या कैंट में नहीं खड़ी रहेंगी।
गोरखधाम-दादर के संचलन से मिलेगी राहत
सहूलियत की बात ये है कि दिल्ली रूट पर गोरखपुर से बनकर चलने वाली गोरखधाम सुपरफास्ट और मुम्बई रूट पर दादर एक्सप्रेस का संचालन अपने पुराने समय और निर्धारित रूट से होता रहेगा। हालांकि इन दोनों ट्रेनों का पूर्ववत संचलन 26 अप्रैल तक ही होगा। इसी तरह देहरादून एक्सप्रेस और एलटीटी सुपरफास्ट का 19 अप्रैल तक संचलन पूर्ववत होता रहेगा।
काम पूरा होने पर बेवजह नहीं रुकेंगी ट्रेनें
प्रस्तावित नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा होने के बाद गोरखपुर जंक्शन से लखनऊ की तरफ डोमिनगढ़ और देवरिया-बिहार की तरफ कुसम्ही तक तीसरी लाइन पर ट्रेनों का संचलन हो सकेगा। इसी तरह बढ़नी-नौतनवा रूट पर नकहा जंगल तक डबल लाइन सिग्नल सिस्टम से कनेक्ट हो जाएगी। इससे इन रूटों पर ट्रेनों को बेवजह नहीं रुकना पड़ेगा।