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बिहार में बिछेगी दो महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, 730 करोड़ रुपये होगें खर्च

Patna-city-general: बिहार में रेलवे प्रोजेक्ट पर बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है। बिहार में अब नई रेलवे लाइन बिछाने को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। प्रदेश की दो प्रमुख रेलवे लाइन परियोजनाओं को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव  से बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट ने चर्चा की है।

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बिहार में बिछेगी दो महत्वपूर्ण रेलवे लाइन, 730 करोड़ रुपये होगें खर्च 

Bihar News: बिहार में रेलवे प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। नई रेलवे लाइन बिछाने को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। प्रदेश की दो प्रमुख रेलवे लाइन परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बिहार के उपमुख्यमंत्री ने चर्चा की है।

बिहार में उपमुख्यमंत्री सम्राट ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और दो प्रमुख रेलवे लाइन परियोजनाओं पर चर्चा की। इनमें से एक 290 करोड़ रुपये की लागत वाली सुल्तानगंज-देवघर रेल लाइन है, जो श्रावणी मेले में भाग लेने वाले हजारों लोगों के लिए सुविधाजनक होगी। जिसकी लागत 440.59 करोड़ रुपये है, दूसरी परियोजना बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन है, जो पटना से औरंगाबाद की यात्रा को आसान बनाएगी।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलने के बाद कहा कि बिहार में बिहटा-औरंगाबाद और सुल्तानगंज-देवघर रेलवे लाइन के निर्माण की दो परियोजनाओं पर काम जल्द शुरू होगा, जिनकी लागत कुल 730.59 करोड़ रुपये से अधिक है। चौधरी ने कहा कि सुल्तानगंज-देवघर के बीच 290 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई नई रेल लाइन (78.08 किमी) से श्रावणी मेले में जाने वाले हजारों लोगों की यात्रा आसान होगी। इस रेलवे लाइन के शुरू होने पर सुल्तानगंज, असरगंज, तारापुर, बेलहर और देवघर के लोग सीधे ट्रेन से जुड़ जाएंगे।

पटना-औरंगाबाद की दूरी कम होगी

उनका कहना था कि अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद (12.90 किलोमीटर) की नई रेल लाइन के निर्माण के लिए सरकार ने 440.59 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह लाइन बिहटा-औरंगाबाद नई लाइन का एकमात्र हिस्सा है। इससे राजधानी पटना से औरंगाबाद की दूरी सिर्फ डेढ़ से दो घंटे में मिल जाएगी। इस ट्रेन में 14 स्टेशन हैं। रेलवे ने मौनी अमावस्या स्नान के लिए संगम पहुंचे लाखों लोगों की सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित की। महाकुंभ मेले के दौरान एक दिन में प्रयागराज के विभिन्न स्टेशनों से रिकॉर्ड 364 ट्रेनें चलाई गईं।

इनमें 222 महाकुंभ मेला विशेष गाड़ियां और 142 नियमित गाड़ियां शामिल थीं। रेलवे सूत्रों ने बताया कि पूरे अभियान को वास्तविक समय में वार रूम से देखा गया था। यात्रियों को उनके लक्ष्यों तक पहुंचाने के लिए तीनों रेलवे जोन के महाप्रबंधक और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पूरी तरह से सक्रिय रहे और राज्य सरकार के साथ समन्वय बनाए रखा।

रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर बड़े होल्डिंग क्षेत्र बनाए, जहां वे आराम से बैठकर अपनी गाड़ी की प्रतीक्षा कर सकते हैं। यात्रियों को स्टेशन पर ही भेजा गया, ताकि कोई अव्यवस्था न हो। दक्षिण मध्य रेलवे ने 280, उत्तर रेलवे ने 88 और पूर्वोत्तर रेलवे ने 73 ट्रेनों का संचालन किया।

उत्तर मध्य रेलवे ने सबसे अधिक 157 मेला विशेष ट्रेनें चलाईं। रेलवे ने 10,028 नियमित और 3,400 से अधिक विशेष ट्रेनों को महाकुंभ मेले के दौरान चलाने की योजना बनाई है। 1,900 से अधिक विशेष गाड़ी अब तक चलाई गई हैं। रेलवे ने यात्रियों को पूर्व में दी गई जानकारी के आधार पर बताया कि कुछ गाड़ियों के मार्ग बदले गए हैं और प्रयागराज से एक का टर्मिनल स्टेशन सूबेदारगंज में बदल गया है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे रेलवे द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि उनकी यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके।