The Chopal

UP Bijli Connection: उत्तर प्रदेश में बिजली कनेक्शन लेना होगा महंगा, यह है प्लान

प्रदेश की इलेक्ट्रिसिटी सब कमेटी ने कास्ट डाटा बुक की दरों पर विचार करने का फैसला किया है, जिससे उद्योगों और दुकानों का बिजली कनेक्शन अधिक महंगा हो जाएगा। वहीं इस पर अंतिम निर्णय होगा। प्रोसेसिंग और सिक्योरिटी की लागत बढ़ने से व्यावसायिक संबंधों का खर्च सबसे अधिक होगा। वहीं, नए घरेलू और कृषि बिजली कनेक्शन की दरें स्थिर रह सकती हैं।

   Follow Us On   follow Us on
UP Electricity Connection: Getting electricity connection in Uttar Pradesh will be expensive, this is the plan

The Chopal News: आवासीय (घरेलू) और किसानों के लिए नए बिजली कनेक्शन का खर्चा तो फिलहाल बढ़ने की उम्मीद नहीं है, लेकिन उद्योगों और दुकानों के नए कनेक्शन जल्द ही महंगे होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की सोमवार की बैठक में बिजली कनेक्शन के लिए विभिन्न विद्युत सामग्री की दरों पर प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक पर चर्चा हुई।

दरों पर इस दौरान व्यापक चर्चा के बाद, आयोग अब कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देगा। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने पिछले दिनों आयोग में कास्ट डाटा बुक दाखिल करते हुए सभी श्रेणियों के बिजली कनेक्शन की दरों में 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग की थी, लेकिन लगभग तीन घंटे चली बैठक में इस पर सहमति नहीं बनी।

कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने प्रस्तावित दरों को मंजूरी की मांग उठाई, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा और सभी कमेटी के सदस्यों ने मीटर की दरों पर ही प्रश्न उठाया। वर्मा ने मीटर खरीदने का आदेश दिखाते हुए कहा कि कास्ट डाटा बुक में 768 रुपये में एक सिंगल फेस मीटर की कीमत 1124 रुपये है। 1845 रुपये में खरीदा गया थ्री फेस मीटर 3213 रुपये में खरीदा जाता है।

ये पढ़ें - अंडे खाने का क्या हैं सही तरीका, एक दिन में कितने अंडे, ज्यादातर लोगों हैं इस बात से अनजान

एक सिंगल फेज मीटर के लिए 872 रुपये और तीन फेज मीटर के लिए 2921 रुपये पहले से ही वसूले जा रहे हैं। 25 केवीए वितरण ट्रांसफार्मर की दर, जीएसटी सहित 60,907 रुपये है, लेकिन परिषद अध्यक्ष ने 74,198 रुपये प्रस्तावित किए हैं। अन्य उपभोक्ता सामग्री की दरों में भी मनमाने तरीके से बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। वर्मा ने कहा कि बीपीएल को छोड़कर अन्य श्रेणियों के कनेक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस की दरों में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा कि आनलाइन प्रक्रियाओं से उपभोक्ता खुद ही आधा काम कर रहे हैं, इसलिए प्रोसेसिंग फीस को बढ़ाना न्यायसंगत नहीं है।

घरेलू व किसानों के कनेक्शन महंगे हो सकते थे क्योंकि प्रोसेसिंग फीस बढ़ गई थीं, लेकिन आयोग द्वारा अब मीटर की दरों में कमी की उम्मीद है, इसलिए इन श्रेणियों के कनेक्शन की लागत यथावत या कुछ कम भी रह सकती है। उद्योगों के संबंधों का खर्च दो गुना से भी अधिक हो सकता है क्योंकि उनकी सुरक्षा लागत में लगभग 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

दुकानों के कनेक्शन सिर्फ प्रोसेसिंग फीस बढ़ने से 15 से 20 प्रतिशत तक महंगे हो सकते हैं। वर्मा ने कहा कि महिलाओं के नाम पर 20 प्रतिशत से भी कम कनेक्शन होने पर 33 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। कारपोरेशन के एमडी ने कहा कि क्योंकि बिजली कंपनियां वाणिज्यिक संस्थान हैं, इसलिए सरकार या आयोग ही इस पर फैसला कर सकते हैं।

दरों पर सभी का पक्ष सुनने के बाद आयोग अध्यक्ष ने कहा कि सभी पहलुओं को देखने के बाद ही प्रस्तावित कास्ट डाटा बुक पर निर्णय करेंगे। नोएडा पावर कंपनी और टोरेंट पावर के प्रतिनिधि, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगरौत, कारपोरेशन के निदेशक वितरण जीडी द्विवेदी भी बैठक में शामिल हुए।

ये पढ़ें - नवंबर में इन राशि वालों की होगी बल्ले-बल्ले, तरक्की के खुल जायेगें रास्ते