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UP सरकार का ऐलान, उत्तर प्रदेश में अब इन लोगों को नहीं मिलेगी शराब

Yogi सरकार ने शराब को लेकर हाल ही में एक कठोर नियम बनाया है, जिसके अनुसार पूरे राज्य में शराब नहीं मिलेगी और दुकानदारों को भी नहीं मिलेगी. आइए जानते हैं सरकार की योजना। 

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UP government announces, now these people will not get liquor in Uttar Pradesh

The Chopal News : विधानसभा में लखनऊ (UP news) की समिट बिल्डिंग में कम उम्र के बच्चों को शराब देने का मुद्दा उठने के बाद, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 21 साल से कम उम्र के लोगों को बार और मदिरा की दुकानों पर कड़ाई से रोक लगाई जाए। इसके अलावा, आगरा, मथुरा, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, सहारनपुर और शामली में शराब की तस्करी पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। परीक्षा के दौरान सबसे कम राजस्व वसूली करने वाले दस जिला आबकारी अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई।

प्रदेश में गैर राज्यों से आने वाली शराब की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों से मुलाकात की। आबकारी से 50 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2022–2023 में पूरा किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि नवंबर तक राज्य ने 27340.97 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा लगभग 10% अधिक है (24958.50 करोड़ रुपये)। 

उन्होंने कानपुर न्यूज़ में निर्धारित राजस्व में अधिक वृद्धि नहीं होने पर उप आबकारी आयुक्त को 15 दिन में इसकी जांच करने के लिए रिपोर्ट देने को कहा है। यदि बागपत में हरियाणा बॉर्डर से लगी दुकानों की बिक्री पर असर पड़ रहा हो तो हरियाणा प्रदेश के अधिकारियों से अनुरोध किया जाए। बॉर्डर की ऐसी दुकानों के आसपास कैमरा लगाकर सीमावर्ती जिलों पर कड़ी निगरानी रखी जाए (सहारनपुर समाचार)। आगरा, मथुरा, लखनऊ राजमार्ग से बुंदेलखंड राजमार्ग से मिर्जापुर होते हुए सोनभद्र तक शराब की तस्करी पर विशेष ध्यान दिया जाए। GST और पुलिस अधिकारियों का भी इसमें सहयोग लिया जाएगा।

उनका कहना था कि देवरिया, कुशीनगर, पीलीभीत, बरेली और अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त रेटिंग की शिकायतों पर कार्रवाई की जाएगी। यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी परिस्थिति में जहरीली शराब की बिक्री या जनहानि की कोई घटना उजागर नहीं की गई क्योंकि इससे सरकार और विभाग दोनों की छवि खराब होती है। असेवित क्षेत्र में दुकानों को खोलने पर भी विचार करें।

आबकारी मुख्यालय और प्रयागराज के अधिकारी, प्रमुख सचिव आबकारी, आबकारी आयुक्त, विशेष सचिव आबकारी, अपर आयुक्त (प्रशासन), अपर आयुक्त (लाइसेसिंग), सभी संयुक्त आबकारी आयुक्त (जोन), समस्त उप आबकारी आयुक्त (प्रभार) के साथ बैठक में उपस्थित रहे। प्रदेश के बाकी सभी अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में ऑनलाइन भाग लिया।