UP में आलू के किसान की इनकम होगी डबल, सरकार करने जा रही ये काम
Uttar Pradesh News : कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को इन नए केंद्रों की मदद से जल्दी पकने वाली, कम तापमान पर भी उपज देने वाली और चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त प्रजातियों का पता चलेगा।

UP News : उत्तर प्रदेश में आलू यानी "किंग ऑफ वेजिटेबल्स" को लेकर एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है। योगी सरकार की यह पहल किसानों के लिए उपयोगी साबित होने वाली हैं। किंग ऑफ वेजिटेबल्स”, यानी आलू, उत्तर प्रदेश में अब और भी लोकप्रिय होने वाला है। योगी सरकार ने इंटरनेशनल पोटैटो रिसर्च सेंटर को आगरा में और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटैटो को सहारनपुर-कुशीनगर में बनाया है। यह किसानों को बेहतर किस्मों, नई तकनीक और अधिक उपज की जानकारी देना चाहता है, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और उनकी आय दोगुनी होगी।
औसत राष्ट्रीय आलू उपज 23 से 25 टन प्रति हेक्टेयर
देश में आलू सबसे आम सब्जी है। इसका उपयोग सब्जी, स्नैक्स, चिप्स, पापड़ और शराब में होता है। इसे बहुत उपयोगी और लोकप्रिय होने के कारण "सब्जियों का राजा" कहा जाता है। विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश देश का लगभग एक तिहाई, यानी लगभग 35 प्रतिशत आलू उत्पादन करता है। यूपी में औसत राष्ट्रीय आलू उपज 23 से 25 टन प्रति हेक्टेयर है। आलू उत्पादन में अभी भी कई समस्याएं हैं, जैसे कि अच्छी किस्म के बीजों की कमी, अनुसंधान किसानों तक पहुंच की कमी और तकनीकी जानकारी की कमी। सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर की शाखा बनाने का काम शुरू किया है। यह केंद्र पेरू के लीमा में स्थित विश्व केंद्र का एक भाग होगा।
यूपी में इन मंडलों में आलू की खेती की जाती है
पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान इस सुविधा से जुड़ने के लिए कुशीनगर और सहारनपुर में एक्सीलेंस सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। मेरठ, आगरा, मुरादाबाद, कानपुर, बरेली और अलीगढ़ मंडलों में सबसे अधिक आलू की खेती होती है, इसलिए ये सेंटर किसानों के लिए वरदान हो सकते हैं।
यूरोपीय देशों में प्रति हेक्टेयर 38-44 टन आलू का उत्पादन होता है
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को इन नए केंद्रों की मदद से जल्दी पकने वाली, कम तापमान पर भी उपज देने वाली और चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त प्रजातियों का पता चलेगा। जैसे कुफरी ख्याति, कुफरी शौर्या और कुफरी चिपसोना, जो बहुत जल्दी बन जाते हैं, लेकिन किसानों को उनके बीज नहीं मिलते। यूरोप जैसे देशों में प्रति हेक्टेयर 38-44 टन आलू का उत्पादन होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी भी काफी सुधार की गुंजाइश है। इसलिए यहां के किसान भी आधुनिक खेती और शोध के माध्यम से विश्वस्तरीय उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
आलू भी शरीर को रोग प्रतिरोधक बनाता है
आलू का पोषण भी अच्छा है। इसमें फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन-सी, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट हैं। यह ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। योगी सरकार की इस पहल से आलू किसानों की आय बढ़ेगी, राज्य को नई पहचान मिलेगी और "किंग ऑफ वेजिटेबल्स" का प्रभुत्व मजबूत होगा।