UP News: गोरखपुर में इंडस्ट्रियल टाउनशिप को मंजूरी, रेल लाइन, फोरलेन समेत होंगे कई विकास कार्य
UP News: योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश को एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर योजनाएं लागू कर रही है, और अब यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के इस जिले में ग्रेटर नोएडा की तर्ज़ पर नई इंडस्ट्रियल टाउनशिप और डिजिटल टाउनशिप तैयार की जा रही हैं। इसका उद्देश्य ज़िले को एक नए औद्योगिक और डिजिटल सेंटर में बदलना है, जिसमें तकनीकी हब, उत्पादन इकाइयाँ, स्टार्टअप ज़ोन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होंगे।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में विकास की नई गंगा प्रदेश में बह रही है. प्रदेश में बड़े स्तर पर एक्सप्रेसवे, इंडस्ट्रियल टाउनशिप के अलावा रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर भी योगी सरकार का स्थान दे रही है. उत्तर प्रदेश के इस जिले में अब ग्रेटर नोएडा की तरफ पर इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा जो अपने आप में एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है. प्रदेश के इस जिले की सूरत अब बदलने वाली है. डिजिटल टाउनशिप के निर्माण के बाद यहां जिले के लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. इस प्रोजेक्ट को लेकर जमीन अधिग्रहण और इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य में तेजी के लिए 26 सेवानिवृत कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी.
औद्योगिक नगर को लॉजिस्टिक का महत्वपूर्ण केंद्र
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पास गोरखपुर के धुरियापार का नया औद्योगिक क्षेत्र है। धुरियापार क्षेत्र के मास्टर प्लान में प्रस्तावित रेलवे लाइन के आसपास के गांवों को भी शामिल किया जाएगा। गीडा को भी इसका आदेश शासन से मिला है। यूपी के गोरखपुर में धुरियापार औद्योगिक टाउनशिप का मास्टर प्लान मंजूर होने के बाद, पूरे क्षेत्र को ग्रेटर नोएडा की तरह विकसित करने का प्रयास शुरू हो गया है। शासन के निर्देश पर, प्रस्तावित रेलवे लाइन के दायरे में आने वाले किसी भी गांव को महानगर घोषित करना होगा। धुरियापार औद्योगिक नगर को लॉजिस्टिक का महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की कोशिश हो रही है। मास्टर प्लान में प्रस्तावित रेलवे लाइन के आसपास के गांवों को भी शामिल किया जाएगा। गीडा को भी इसका आदेश शासन से मिला है।
कच्चे और तैयार उत्पादों का भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन
लॉजिस्टिक (Storage and transportation of raw and finished products) सेवाओं को बेहतर बनाना किसी भी औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि के लिए आवश्यक है। बेहतर लॉजिस्टिक के लिए कनेक्टिविटी चाहिए। गीडा की महत्वाकांक्षी परियोजना, धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप, इस लिहाज से बहुत अलग है। इस शहर को सड़क और रेल की कनेक्टिविटी से लाभ मिलेगा। धुरियापार में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पास एक नया औद्योगिक क्षेत्र है।
रेल लाइन बिछने से आने वाले सालों में धुरियापार क्षेत्र में लगने वाले बड़े उद्योगों को काफी लाभ होगा। वहीं, धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप में लॉजिस्टिक सेक्टर के विकास से उद्योगों को सुविधा मिलेगी, जो रोड और रेल कनेक्टिविटी का संगम बनेगा।
खजनी से धुरियापार चीनी मिल तक फोरलेन रोड
धुरियापार चीनी मिल से खजनी तक फोरलेन बनाने की भी तैयारी शुरू हो गई है। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का मास्टर प्लान शासन ने इस सड़क को फोरलेन करने का प्रस्ताव दिया था। गीडा को अनुमोदन पत्र में कहा गया है कि मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाए।
व्यापार कॉरिडोर से पर्यावरणीय प्रभाव की जांच करने के लिए सर्वे
धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में पर्यावरण संकट के खिलाफ अभियान शुरू हो गया है। इसके लिए, गीडा प्रशासन ने उद्योगों से पर्यावरण पर होने वाले संभावित प्रभावों के बारे में सर्वे कराने की पहल की है। गीडा प्रशासन ने एनवायरमेंटल इम्पैक्ट एसेसमेंट के लिए विज्ञापन निकाला है। 7 जुलाई तक आवेदन करें। इसके बाद, संस्था का चयन किया जाएगा और अगले कदम उठाया जाएगा।
धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप का मास्टर प्लान शासन से अनुमोदित है। गीडा भी 600 एकड़ से अधिक जमीन खरीद चुका है। यहां केयान, अदाणी और अवाडा ने जमीन की मांग की है। ऐसे में, गीडा को भूखंडों पर विज्ञापन करने से पहले पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेनी चाहिए। इसके लिए एक संस्था की खोज की जा रही है जो धुरियापार में लगने वाले उद्योगों का पर्यावरण पर प्रभाव का आकलन करेगी। पर्यावरण की अनापत्ति के बाद जमीन के लिए विज्ञापन जारी करके आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। गीडा सीईओ अनुज मलिक ने एक से सात जुलाई के बीच रिपोर्ट फॉर प्रपोजल (RFP) मांगा है।
छह महीने के लिए 26 पदों पर भर्ती
26 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप से लेकर गीडा क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम में तेजी को लेकर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया जाएगा। यह तैनाती केवल छह महीने की होनी चाहिए। गीडा सीईओ ने एक विज्ञापन जारी किया था जिसमें दो सहायक महाप्रबंधक, एक वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल), एक प्रबंधक (वास्तु/नियोजन) और एक प्रबंधक (सिस्टम) के लिए आवेदन मांगे गए थे।
