UP News : उत्तर प्रदेश में पौधों को परोसी जा रही हैं शराब, किसान क्यू कर रहे हैं शराब का कर रहे स्प्रे
UP News : फसल की सुरक्षा के लिए पौधों को शराब पिलाया जाता है। किसानों ने पूर्वांचल से पश्चिम तक शराब में दवा मिलाकर स्प्रे किया। किसान बताते हैं कि यह देसी उपाय आलू-टमाटर के खेतों में सेहत को बेहतर बनाता है।
Uttar Pradesh : डॉक्टरों का कहना है कि शराब से कई बीमारियां होती हैं, लेकिन किसान सिर्फ बीमारी से बचाने के लिए फसलों को पी रहे हैं। टमाटर-मिर्च और गोभी को फंगस से बचाने के लिए शराब में दवा मिलाकर स्प्रे करें। यह प्रणाली पूर्वांचल से पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। किसानों का कहना है कि शराब के छिड़काव से फसल चमकदार और स्वस्थ होती है।
पिछले एक महीने में कानपुर के रसूलाबाद, चौबेपुर और बिल्हौर में 10 हजार बोतल अधिक देसी शराब बिकी गई। खेतों में इसका उपयोग किया गया था। “जिबरेलिक और विन-ची-विन दवाएं हम शराब में मिला कर छिड़कते हैं,” आलू किसान अतुल कुशवाहा ने कहा। आलू झुलसा नहीं होता। 10 बोरी प्रति बीघा उत्पादन होता है। राढ़ा में रहने वाले किसान विनय कटियार ने बताया कि यह दवाएं सिर्फ शराब में ही ठीक से घुलती हैं। पानी में घोलने पर यह उतने प्रभावी नहीं होते।
पश्चिम से पूरब तक इस्तेमाल
पश्चिम से पूरब तक, किसानों की यह देशी खोज आम है। हापुड़ से जौनपुर, मिर्जापुर, बस्ती, संभल से सोनभद्र, प्रयागराज के मऊआइमा से फूलपुर तक फसलों पर शराब का छिड़काव होता है। बस्ती में कृषि वैज्ञानिक राघवेंद्र सिंह ने कहा कि किसान शराब पीकर झुलसा से बचते हैं, लेकिन यह वैज्ञानिक उपाय नहीं है।
ऐसे स्प्रे करें
दवा को एक बोतल शराब में मिलाकर मिलाया जाता है। 20 लीटर पानी में इस घोल को मिलाकर स्प्रे करें। दो बार स्प्रे करने पर फंगस से बचाव होता है और झुलसा जाता है। दवा को सिर्फ पानी में मिलाकर लेने से उसका पूरा फायदा नहीं मिलता।
इन फसलों में इस्तेमाल
गोभी, लौकी और कद्दू को झुलसा, खर्रा और फंगस से बचाने में आलू, टमाटर, पत्ता और फूल , कानपुर के जिला आबकारी अधिकारी प्रगल्भ लवानिया ने बताया कि सर्दी में आलू बेल्ट की दुकानों में शराब की बिक्री अचानक बढ़ी है। किसान 20 से 25 क्वार्टर एक साथ खरीदते हैं। सर्दी में शराब पीने का अनुमान पहले था। उस क्षेत्र के दुकानदारों ने बाद में बताया कि खेतों में छिड़काव था।
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