UP News: खुदाई के दौरान यूपी के इस जिले में मिले प्राचीन मूर्ति के अवशेष, गुप्त काल के 1500 वर्ष पुराने होने का दावा

UP News : बरेली में एक मकान की नींव की खुदाई में एक पुरानी मूर्ति के अवशेष पाए गए। इतिहासकार मानते हैं कि ये गुप्त काल के हो सकते हैं। तीन फीट गहरी खंडित मूर्ति में कई घड़े भी मिले हैं।

   Follow Us On   follow Us on
UP News: खुदाई के दौरान यूपी के इस जिले में मिले प्राचीन मूर्ति के अवशेष, गुप्त काल के 1500 वर्ष पुराने होने का दावा

Ancient Statue Remains : उत्तर यूपी के बरेली में एक मकान की नींव की खुदाई में एक पुरानी मूर्ति के अवशेष पाए गए। 3 फीट गहराई में एक विशाल खंडित मूर्ति के साथ कई घड़े भी मिले हैं। ग्रामीणों ने मंदिर में खंडित प्राचीन मूर्ति को सुरक्षित रखवाया है। इतिहासकारों का मानना है कि यह पाषाण खंडित मूर्ति 15 सौ से ज्यादा पुरानी गुप्तकाल की हो सकती है। 

फरीदपुर से सटे पचौमी गांव का यह मामला है। जहां सत्यपाल घर बनाने का काम कर रहे थे मकान की नींव खोदते समय उन्हें क्षतिग्रस्त मूर्ति दिखाई दी। टूट चुकी मूर्ति जमीन पर तीन फीट नीचे गड़ी हुई थी। मूर्ति निकालने के दौरान टूट गई। सूचना मिलते ही पूरे गांव के लोग मौके पर पहुंचे। ग्राम प्रधान पंकज मिश्रा ने खंडित मूर्ति को स्थानीय मंदिर में सुरक्षित रखवाया। ग्रामीणों का कहना है कि ये टुकड़े भुगवान विष्णु की लगते हैं।

ये पढ़ें - यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा इस दिन होगी दोबारा, UP रोडवेज की बसें मुफ़्त में अभ्यर्थियों को सेंटर तक लेकर जाएगी 

गांव में पहले भी मिल चुकी भगवान की मूर्तियां

मोहम्मद नूर करीब दस साल पहले पचोमी गांव में एक घर की खोदाई कर रहे थे। 3 फीट की गहराई में उन्हें गुप्तकालीन श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली। रोहिलखंड विश्वविद्यालय के प्राचीन एवं इतिहास विभाग में मूर्ति सुरक्षित रखी गई। गांव में पहले खोदाई के दौरान भगवान शिव की मूर्ति मिली थी। यहां खोदाई के दौरान अक्सर प्राचीन अवशेष मिले हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग के अध्यक्ष डॉ. श्याम बिहारी लाल ने बताया कि पचौमी गांव में मिले खंडित मूर्ति के चरण हैं। पूरा भाग नहीं मिला। खंडित मूर्ति के पैरों में बर्तन और कड़ा है। ये गुप्त हैं। रविवार को शहर में जाकर इन्हें सुरक्षित करेंगे।

ये पढ़ें - UP के इस शहर का NCR की तर्ज पर होगा डेवलपमेंट, खुद CM योगी ने देखा प्रजेंटेशन