UP Railway : 2024 तक यूपी के इस नए रेलवे ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेनें, अगले साल पूरा होगा काम
UP News : सिग्नल के इंतजार में अब ट्रेनें खड़ी नहीं की जाएंगी। गोरखपुर से लखनऊ के बीच एक किमी के दायरे में ही एक ही रूट पर दो ट्रेनों आगे-पीछे चलती दिखाई देंगी। यह संभव होगा स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से, जिसे लगाने का काम शुरू हो गया है। नए वित्तीय वर्ष में काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
दरअसल, स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम को पूर्वाेत्तर रेलवे के सभी रूटों पर लगाया जाना है। पहले चरण में ये सिग्नल गोरखपुर से लखनऊ के बीच लगाए जाएंगे। अब केबिल को बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हर 50 किमी रेल खंड का लक्ष्य तय किया गया है। अभी तक जो सिग्नलिंग सिस्टम लगे हैं, उनमें दो ट्रेनों के बीच आठ से दस किलोमीटर का अंतर होता है। पहली ट्रेन स्टेशन पर पहुंच जाएगी, फिर पीछे से आने वाली ट्रेनों को सिग्नल दिए जाते हैं।
हर एक किलोमीटर पर लगेंगे सिग्नल
अभी रेलखंडों पर एब्सलूट ब्लॉक सिग्नल सिस्टम चल रहा है, जिसके तहत एक ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंचने के बाद ही पीछे से आने वाली ट्रेन को हरा सिग्नल दिया जाता है। इसकी वजह से पीछे से आने वाली ट्रेनें देरी की शिकार होती हैं। पर, अब ऐसा नहीं होगा।
स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम में दो स्टेशनों के बीच (ब्लॉक सेक्शन) प्रत्येक एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल लगाए जाते हैं। इससे जैसे-जैसे सिग्नल हरे मिलते रहते हैं, पीछे से आने वाली ट्रेन आगे बढ़ती जाती है। आगे चलने वाली ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने का इंतजार पीछे से आने वाली गाड़ी को नहीं करना पड़ता है।
दो ब्लॉक के बीच बनेंगे हट
गोरखपुर से लखनऊ के बीच हर दो ब्लॉक के बीच एक हट बनाए जाएंगे। हट में सिग्नल से जुड़े संयंत्र रखे जाएंगे ताकि सिग्नल में कहीं कोई फाल्ट आए तो तत्काल ठीक करा लिया जाए। इसमें सिग्नल भी पहले लाल फिर डबल पीला, पीला और इसके बाद हरा रहेगा। इसे देखकर ही ड्राइवर ट्रेन को एक किमी के पीछे दूसरी ट्रेन चला सकेंगे।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग का कार्य डोमिनगढ़ और टिनीच के बीच शुरू हुआ है। केबल रूट सर्वे और मार्किंग ऑफ ब्लॉक का काम दो ब्लॉक खंड में पूरा किया गया है। केबल ट्रेंचिंग का कार्य भी शुरू गया है। रेल खंडों में ट्रेनों की गति बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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