UP रोडवेज बसों में छुट्टे पैसे का झंझट होगा खत्म, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से मिलेंगे टिकट
UP News : उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी राहत वाली खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग की तरफ से डिजिटल इंडिया की तरफ एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है। रोडवेज बसों में अब सफर करते समय जेब में पैसे ना होने के बावजूद भी आपको टिकट मिल जाएगी।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश रोडवेज यात्रियों के लिए एक बड़ी उपयोगी सुविधा मिली है। परिवहन विभाग ने डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाते हुए एक ऐसा कदम उठाया है जिससे अब यात्रियों को कैश न होने की स्थिति में भी रोडवेज बसों में आसानी से सफर करने का अवसर मिलेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने डिजिटल इंडिया की ओर एक अहम कदम उठाते हुए प्रमुख रूटों पर बसों में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से टिकट भुगतान की सुविधा प्रारंभ करने की तैयारी कर ली है. यात्री अब उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों पर टिकट खरीदने के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी उपयोग कर सकेंगे। कंडक्टरों को कैशलेस भुगतान के लिए स्वाइप मशीनें दी जाएंगी। यह सुविधा पहले दिल्ली, लखनऊ और उत्तराखंड जैसे महत्वपूर्ण रूटों पर शुरू होगी। इससे कंडक्टरों और यात्रियों को फुटकर की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
बसों में कैशलेस व्यवस्था
रोडवेज बसों में यात्री अब नकद न होने पर टिकट का भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भी कर सकेंगे। कंडक्टरों को इसके लिए स्वाइप मशीन दी जाएगी। यह सुविधा प्रमुख रूटों पर जून से शुरू होने की उम्मीद है। साथ ही, परिवहन निगम मुख्यालय में स्वाइप मशीन की सुरक्षा विशेषताओं की जांच भी शुरू हो गई है। बसों में कैशलेस व्यवस्था के लिए कंडक्टरों को पहले से इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (ETM) दी गई हैं। ईटीएम में कभी-कभी नेटवर्किंग की समस्या होती है, लेकिन इनमें यूपीआई भुगतान के लिए क्यूआर कोड भी बनाए जाते हैं। ऐसे में यात्री अब स्वाइप मशीन से टिकट खरीदकर कैशलेस भुगतान कर सकेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवहन निगम केवल प्रमुख रूटों (लखनऊ, दिल्ली, उत्तराखंड, मेरठ और बरेली) पर बसों में यह सुविधा शुरू करेगा।
विशेषताओं की जांच शुरू करें
साथ ही, परिवहन निगम के मुख्यालय में स्वाइप मशीन की जांच शुरू हो गई है। इसमें भुगतान की स्वीकृति और स्वाइप करने के बाद टिकट बनने का समय दिखाया गया है। यात्रियों और कंडक्टरों को सुविधाजनक बनाने की कोशिश की जा रही है। यात्रियों को छुट्टे पैसे की समस्या से भी राहत मिलेगी, क्योंकि कार्ड स्वाइप करने की सुविधा एक अच्छा उपाय है। यात्रियों के पास अक्सर पर्याप्त पैसे नहीं होते, तो कंडक्टर टिकट के पीछे बचे हुए पैसे लिख देते हैं और फिर से उन्हें वापस देने का वादा करते हैं। यात्रियों को अक्सर राशि भूल जाती है या फिर उसे वापस लेने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है। यह नई प्रणाली जून महीने से शुरू हो सकती है और शुरुआत में दिल्ली, उत्तराखंड, मेरठ, बरेली और लखनऊ जैसे व्यस्त स्थानों पर उपलब्ध होगी।
फुटकर की समस्या खत्म होगी?
फुटकर बस न होने पर कंडक्टरों और यात्रियों को भी परेशानी होती है। आमतौर पर, कंडक्टर बची रकम तुरंत लौटाने के बजाय टिकट के पीछे कुछ लिख देते हैं, जिससे वे फटाफट टिकट बना सकें। यात्री बाद में मांगने पर बचे हुए रुपये लौटा देते हैं, लेकिन अक्सर यात्री भूल जाते हैं, तो उन्हें लंबे समय तक चलना पड़ता है। टिकट कार्ड से भुगतान करना भी आसान होगा।