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यूपी में अब रोडवेज बसों में बेनकाब होगें दिव्‍यांगों का हक मारने वाले, कंडक्‍टरों को मिली विशेष ट्रेनिंग

अब रोडवेज बसों में फर्जी दिव्यांग कार्ड दिखाकर दिव्यांगों के हक पर डाका डालने वाले ऐसा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए सिर्फ कंडक्टरों को विशिष्ट ट्रेनिंग दी जाती है।
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Now in UP, those who violate the rights of disabled people will be exposed in roadways buses, conductors got special training

UP Roadways Buses: अब रोडवेज बसों में फर्जी दिव्यांग कार्ड दिखाकर दिव्यांगों के हक पर डाका डालने वाले ऐसा नहीं कर पाएंगे। इसके लिए सिर्फ कंडक्टरों को विशिष्ट ट्रेनिंग दी जाती है। कंडक्टर दिव्यांग कार्ड पर UID नंबर को ऑनलाइन देखेंगे। जब आपका कार्ड जांच में सही होगा, तो आप मुफ्त सफर कर सकेंगे। परिवहन निगम के ट्रेनिंग सेंटर में कंडक्टरों को सफर के दौरान ही कार्ड की ऑनलाइन जांच कैसे करना सिखाया जा रहा है। इस व्यवस्था से दिव्यांगजन रोडवेज बसों में बस अपने असली कार्ड लेकर ही सफर कर सकेंगे। रोडवेज बसों में हर दिन ४० से ५५ हजार दिव्यांग कार्ड होल्डर फ्री में सफर करते हैं। 

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बस कंडक्टर इस तरह कार्ड की जांच करेंगे - 

कंडक्टर सिर्फ यूडीआईडी नंबर को गूगल पर खोजेंगे। Google पर UDID नंबर डालने पर कार्ड का स्टेटस दिखाई देगा। यदि कार्ड असली है तो ब्लैक रंग से लिखा विवरण दिखाई देगा। वहीं, कार्ड फर्जी होने पर लाल रंग से लिखा विवरण दिखाई देगा। इससे दिव्यांगजनों के कार्ड को तकनीकी रूप से पहचाना जाएगा और सफर कराया जाएगा।

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कार्ड पर दर्ज मोबाइल नंबर भी पहचान देगा

दिव्यांग कार्ड की जांच करते समय मोबाइल नंबर भी दिखाई देगा। ऐसे में, मौके पर कंडक्टर ही दिव्यांग व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर कॉल कर सकते हैं। ऐसे में, दिव्यांग असली कार्ड लेकर यात्रा कर रहा है जब उनके पास मौजूद मोबाइल पर घंटी बजती है। कानपुर में बस कंडक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जैसा कि प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य एसपी सिंह ने बताया। प्रशिक्षण राज्य भर में चलेगा।

MD के अनुसार - 

यूपीएसआरटीसी के एमडी मासूम अली सरवर ने बताया कि दिव्यांगजनों को फर्जी कार्ड से सफर करने का मामला सामने आ रहा था। इसलिए तकनीकी की मदद से कार्ड की जांच शुरू की गई है। Google UIID खोजेंगे। उसमें दिव्यांग कार्ड नंबर दर्ज करने पर फर्जी और असली दोनों कार्ड की जानकारी आसानी से मिलेगी।