UP को मिलेगा नया एक्सप्रेसवे, 518 गावों को जाएगा चीरता, 15 लगेंगे टोल प्लाजा
Longest Expressway - 2025 से पहले, गंगा राजमार्ग देश का दूसरा सबसे लंबा राजमार्ग बन जाएगा। योजनाबद्ध गंगा एक्सप्रेसवे 594 किमी लंबा होगा, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा मार्ग होगा। देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यहां छह एक्सप्रेसवे काम कर रहे हैं और सात अभी बनाए जा रहे हैं।
UP News : महाकुंभ 2025 से पहले, गंगा राजमार्ग देश का दूसरा सबसे लंबा राजमार्ग बन जाएगा। गंगा राजमार्ग की लंबाई 594 किमी होगी, जो मुंबई-नागपुर राजमार्ग के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा राजमार्ग होगा। देश में सर्वाधिक एक्सप्रेसवे वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यहां छह एक्सप्रेसवे काम कर रहे हैं और सात निर्माणाधीन हैं। अब यूपी में चार एक्सप्रेसवे हैं, लेकिन गंगा एक्सप्रेसवे के संचालन के साथ देश में पांच एक्सप्रेसवे होंगे।
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मुख्यमंत्री योगी ने दिए हैं आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में यूपीडा के अधिकारियों को साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेसवे को चालू करने का आदेश दिया है। यह राजमार्ग राज्य को पूरब से पश्चिम तक जोड़ते हुए 12 जिलों के 518 गांवों से गुजरेगा। इसके निर्माण के बाद मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ तक की दूरी को कुछ घंटों में निर्धारित किया जा सकेगा। गंगा एक्सप्रेसवे बिजौली गांव से शुरू होकर मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर प्रयागराज (एनएच-19) पर जूडापुर दादू गांव के पास खत्म होगा। 7467 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाली इस एक्सप्रेस-वे परियोजना का मूल्य 36,230 करोड़ रुपये है।
उतर सकेंगे बड़े विमान, गंगा और रामगंगा पर बनेंगे दो लंबे सेतु
शुरू में गंगा एक्सप्रेसवे को छह लेन से आठ लेन में बढ़ाया जाएगा। इसकी बनाई गई स्पीड 120 km/h होगी। एक्सप्रेसवे पर नौ सुविधा क्षेत्र बनाए जाएंगे।
रैंप टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित
वहीं, मुख्य टोल प्लाजा (मेरठ और प्रयागराज) दो स्थानों पर प्रस्तावित हैं, जबकि रैंप टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, रामगंगा नदी पर (720 मीटर) और गंगा नदी पर (960 मीटर) बड़े सेतु भी बनाए जाएंगे। 3.50 किमी लंबी हवाई पट्टी भी शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील में बनाई जाएगी। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के दौरान चार प्रमुख विभागों से मिलने वाली 153 अनापत्तियों में से 141 मिल गई हैं। गंगा एक्सप्रेसवे बनाने में मेसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और मेसर्स अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
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