The Chopal

UP में 2,850 करोड़ की लागत बनेगा सबसे बड़ा बायोप्लास्टिक प्लांट, औद्योगिक विकास को मिलेगी मदद

UP News : उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा बायोप्लास्टिक प्लांट बनने वाला है। प्रदेश में 2850 करोड रुपए का निवेश होने वाला है। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और पर्यावरणीय विकास की दृष्टि से एक बहुत बड़ी और सकारात्मक खबर है। राज्य में देश का सबसे बड़ा बायोप्लास्टिक प्लांट बनने जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल विकल्प और रोजगार सृजन दोनों के लिए अहम है।

   Follow Us On   follow Us on
UP में 2,850 करोड़ की लागत बनेगा सबसे बड़ा बायोप्लास्टिक प्लांट, औद्योगिक विकास को मिलेगी मदद 

Uttar Pradesh News : राज्य में देश का सबसे बड़ा बायोप्लास्टिक प्लांट बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश में बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड 2850 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। लखीमपुर खीरी में 250 टीपीडी क्षमता का पालीलैक्टिक एसिड प्लांट बनाने के लिए यह निवेश किया जा रहा है, जिससे 225 लोगों को काम मिलेगा। इन्वेस्ट (Investment) UP और बलरामपुर चीनी मिल्स ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह निवेश हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देगा और उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा।

लोगों को काम मिलेगा

प्रदेश में बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड 2,850 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरन आनंद ने बताया कि बलरामपुर चीनी मिल्स ने लखीमपुर खीरी में 250 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता का पालीलैक्टिक एसिड (पीएलए) प्लांट बनाने का अनुबंध किया है। 225 लोगों को काम मिलेगा। इनवेस्ट यूपी के सीईओ और बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरावगी ने मंगलवार को मुंबई में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास में अग्रणी है, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा। बलरामपुर चीनी मिल्स का निवेश हरित प्रौद्योगिकी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है और भारत में एक लोकप्रिय निवेश गंतव्य के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है।

प्लांट को जल्द से जल्द चालू करने की योजना

बलरामपुर चीनी मिल्स के अध्यक्ष विवेक सरावगी ने कहा कि प्लांट को जल्द से जल्द चालू करने की योजना बनाई जा रही है। उन्हें राज्य सरकार के साथ मिलकर किए जा रहे प्रयासों पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य बायोप्लास्टिक क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है और हरित भविष्य बनाना है।

News Hub