UP का आलू हुआ दुबई के शेखों में हुआ मशहूर, बढ़ा निर्यात, 4.89 बिलियन डॉलर की हुई कमाई
UP News : उत्तर प्रदेश का आलू दुबई के शेखों को बहुत पसंद आ रहा है। खाड़ी देशों को किया जाने वाला निर्यात 50000 टन तक बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ आलू उत्पादन में प्रदेश में छठी स्थान पर है।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश का आलू अब सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में, खासकर दुबई जैसे खाड़ी देशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। इससे प्रदेश के किसानों और कृषि निर्यात को बड़ा फायदा हो रहा है। अलीगढ़ जिले में ग्यारह किस्म का आलू उगाया जाता है। इनमें कुफरी पुखराज, कुफरी मोहन, कुफरी गंगा, कुफरी ज्योति, कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी ख्याति, कुफरी बहार, कुफरी सूर्या, कुफरी 302 और कुफरी नीलकंठ शामिल हैं।
दुबई में शेखों की पहली पंसद
दुबई में शेखों को अलीगढ़ का आलू बहुत भा रहा है। खाड़ी देशों को किया जा रहा आलू निर्यात 50 हजार टन तक बढ़ गया है। साल 2022–2023 में 2 लाख टन आलू खाड़ी देशों में निर्यात हुआ, जबकि साल 2022–2023 में 1.50 लाख टन आलू निर्यात हुआ था। अलीगढ़ राज्य आलू उत्पादन में छठवें स्थान पर है। जिले में 24987 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जाती है, जिसमें चिप्सोना आलू का सर्वाधिक उत्पादन होता है। जिले ने 2023-24 में 11 लाख टन आलू उत्पादित किया है। 4.4 लाख टन बाहर निर्यात हुए हैं। एमएमयू के कृषि अर्थशास्त्र और व्यवसाय प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर सगीर अहमद अंसारी ने बताया कि जिला आलू की खेती के लिए उपयुक्त है।
59.57 मिलियन टन आलू देश में उत्पादित होते हैं
देश में प्रति वर्ष 59.57 मिलियन टन आलू उत्पादित होता है। 2020–2022 से आलू उत्पादन 4.4% बढ़ा। 3.57 मिलियन किलोग्राम आलू नेपाल, अमेरिका, यूएई, जापान और वियतनाम में निर्यात होता है। आलू से देश को 4.89 बिलियन डॉलर की कमाई हुई।
उत्तर प्रदेश के शीर्ष आलू उत्पादक जिले (पैदावार और रैंकिंग के साथ)
क्रम | जिला | पैदावार (लाख टन) | प्रदेश में स्थान |
1 | आगरा | 28.0 | पहला |
2 | फिरोजाबाद | 20.8 | दूसरा |
3 | कन्नौज | 20.4 | तीसरा |
4 | हाथरस | 19.1 | चौथा |
5 | फर्रुखाबाद | 15.9 | पांचवां |
6 | अलीगढ़ | 11.0 | छठवां |
कृषक सामने आने वाली चुनौतियां
1 - जलवायु परिवर्तन - तापमान में असामान्य वृद्धि, मौसम चक्र की अनिश्चितता, जिससे फसल चक्र प्रभावित
2 - गर्मी और सूखा - तेज गर्मी और बारिश की कमी से आलू के कंद ठीक से विकसित नहीं हो पाते
3 - बीमारियां और कीट - आलू की फसल में ब्लाइट जैसी बीमारियां, जिनका समय पर नियंत्रण न हो तो भारी नुकसान
4 - कोल्ड स्टोरेज की कमी - उपज के बाद भंडारण की व्यवस्था सीमित होने से फसल खराब होने का खतरा
5 - बाजार मूल्य का उतार-चढ़ाव - उपज ज्यादा होने पर मांग कम और दाम गिरने से किसानों को घाटा
जिले में ग्यारह प्रकार का आलू
एमएमयू के कृषि सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. इकबाल अहमद ने बताया कि जिले में ग्यारह किस्म की आलू का उत्पादन हो रहा है। इनमें कुफरी पुखराज, कुफरी मोहन, कुफरी गंगा, कुफरी ज्योति, कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी ख्याति, कुफरी बहार, कुफरी सूर्या, कुफरी 302 और कुफरी नीलकंठ शामिल हैं।