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6G में भारत के साथ आएगा अमेरिका, मिलकर करेंगे काम, साइन हुआ MoU

अमेरिका और भारत के बीच टेक्नोलॉजी संचालन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदारी हो गई है। शुक्रवार को Next G Alliance और Bharat 6G Alliance के बीच एक MoU (समझौता) हस्ताक्षरित हुआ है।
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6G MoU with ATIS: अमेरिका और भारत के बीच टेक्नोलॉजी संचालन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदारी हो गई है। शुक्रवार को Next G Alliance और Bharat 6G Alliance के बीच एक MoU (समझौता) हस्ताक्षरित हुआ है। इस MoU के अंतर्गत, दोनों एलायंस 5G और 6G तकनीक के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस समझौते का स्वागत किया है।

Next G Alliance क्या है?

ATIS’ Next G Alliance या फिर Next G Alliance का उद्देश्य 6G और इसके आगे के दौर के टेलीकॉम्युनिकेशन इंडस्ट्री में अमेरिका को मजबूत करना है, खासकर उत्तरी अमेरिका में। यह एलायंस 5G की अगली पीढ़ी पर भी काम कर रहा है।

इस एलायंस में विभिन्न अमेरिकी कंपनियां, सरकारी एजेंसियों, और शैक्षिक संस्थान शामिल हैं, जो टेलीकॉम्युनिकेशन के क्षेत्र में साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि "ये एलायंस 5G और 6G तकनीक के विकास और अनुसंधान में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।" इस साझेदारी के तहत एक प्रमुख भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर अमेरिकी मैन्युफैक्चरर के 5G ओपन रेडियो एक्सेस सिस्टम के पायलट प्रोजेक्ट में भाग ले सकता है।

यह बैठक G20 मीटिंग के दौरान हुई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति नई दिल्ली पहुंचे हैं। इस बैठक में सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर भी चर्चा हुई है। साझा बयान में दोनों नेताओं ने "US रिप एंड रिप्लेस" प्रोग्राम के बारे में चर्चा की है, जिसका उद्देश्य भारतीय कंपनियों को अमेरिकी इंफ्रास्ट्रक्चर से चीनी कंपनियों के उत्पादों का उपयोग नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

"क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम" के सदस्य के रूप में भारत के सीएसआईआरसी नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता भी इस परियोजना में शामिल हो गया है।

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