UP News : उत्तर प्रदेश बना रोजगार का हब, इस शहर में आठ लाख लोगों आठ क्षेत्रों में काम मिलेगा
UP News : एनसीआर के बाद अब अयोध्या रोजगार का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा। आठ लाख लोगों को काम मिलेगा। कर्मचारियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ रोजगार के साधन भी बढ़ रहे हैं। अब आठ क्षेत्रों में काम मिलेगा।
Ram Mandir : श्रीराम की नगरी अयोध्या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के बाद देश का सबसे बड़ा रोजगार केंद्र बनने वाला है। रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद दो दिन में ही श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। प्राणप्रतिष्ठा के बाद, आम दिनों में राम जन्मभूमि में दर्शन करने वालों की संख्या लगभग छह से आठ गुना बढ़ गई है। इस संख्या में आने वाले दिनों में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है। अयोध्यावासी इससे सीधे लाभ उठाएंगे।
सरकार ने बढ़ाया शहरी दायरा
अयोध्या का क्षेत्रफल राज्य सरकार ने बढ़ाकर 830 वर्ग किलोमीटर करने का लक्ष्य रखा है। मास्टर प्लान में पहले चरण में 133 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का उल्लेख है। दूसरे चरण में बाकी काम किया जाएगा। यही कारण है कि अयोध्या शहर को पूरी तरह से नया बनाया गया है, जिससे भविष्य में यहाँ आने वाले भक्तों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी। अयोध्या, गोंडा, बस्ती और बाराबंकी के कुछ क्षेत्रों को राम मंदिर की यात्रा से लाभ मिलेगा। सरकार ने प्रारंभिक अनुमान लगाया है कि आठ लाख लोगों को सीधे तौर पर और 10 लाख लोगों को अन्य क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा।
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आठ क्षेत्रों में मिलेगा रोजगार
मंदिर बनने से पहले अयोध्या में मात्र चार क्षेत्र थे: आध्यात्मिक पर्यटन, खुदरा बाजार, कुटीर और लघु उद्योग और सरकारी नौकरियां। मंदिर बनने के बाद अब 8 क्षेत्रों में कार्य मिलेगा: आध्यात्मिक पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, नॉलेज एवं इनोवेशन, खुदरा बाजार, पर्यटन बाजार, मिश्रित वाणिज्यिक गतिविधियां, एमएसएमई और सांस्कृतिक पर्यटन। होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस के साथ-साथ खानपान का छोटा-मोटा कारोबार करने वालों के लिए नए अवसर खुलेंगे।
सरकार की सोंच का दिखने लगा असर
अयोध्या में प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम में सरकार की दूरदृष्टि का असर दिखाई देने लगा है। नौकरी मिलने की संभावनाएं तेजी से बढ़ी हैं। पुराने घरों को तोड़कर छोटे होटल या स्टे होम बनाए जा रहे हैं। विविधता कुंड के निकट रहने वाले अनिल मिश्रा ने अपने घर में एक स्टे होम बनाया है। सप्त सागर कालोनी में रहने वाले रोहित वर्मा ने भी अपने घर का कुछ हिस्सा गेस्ट हाउस बनाया है। स्वर्गद्वार ब्रह्मकुंड के आसपास के कुछ पुराने घरों में भी कुछ ऐसे ही गेस्ट हाउस बने हुए दिखाई दिए।
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