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उत्तर प्रदेश के किसान कार्बन सोखने वाले पेड़ लगाकर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं

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उत्तर प्रदेश के किसान कार्बन सोखने वाले पेड़ लगाकर करोड़ों रुपये कमा रहे हैं

THE CHOPAL - कार्बन फाइनेंस योजनाओं को केंद्रीय और राज्य सरकारों ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए लाया है। यह योजना किसानों को खेतों में लगाए गए पौधों की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहन राशि देगी। वन विभाग और ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान ने एक समझौता किया है। किसान को प्रत्येक पेड़ पर कार्बन क्रेडिट के रूप में प्रतिवर्ष 250 से 300 रुपये मिलेंगे। कार्बन को वातावरण से दूर करने के लिए उन्हें यह धन मिलेगा। द इनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट (टेरी) दिल्ली इस धन को किसानों को देगा। 

सवा लाख कृषक दस करोड़ से अधिक प्राप्त करेंगे  

वन विभाग किसानों को कार्बन क्रेडिट देगा। मेरठ में दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद इस साल के अंत तक कार्बन क्रेडिट का पैसा किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा। मेरठ मंडल के सवा लाख किसानों को लगभग दस करोड़ रुपये मिलेंगे।  

वन विभाग ने द इनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के साथ एक समझौता किया था जिससे किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत किसानों की सूची दी गई, जिन्होंने शीशम, यूकेलिप्टस, पापुलर, मेलिया, डुबिया और फलदार पौधे रोपे थे। पेड़ों की प्रजातियों के लिए पौधरोपण के प्रचलित मॉडल के अनुसार, किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ मिलेगा। 

कार्बन क्रेडिट प्रति पेड़ छह डॉलर मिलेगा 

किसानों को पौधरोपण करने से कार्बन रहित वातावरण मिलेगा। ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने कार्बन वित्त प्राप्त करने के लिए एक प्रस्ताव बनाया है। मेरठ में पहले चरण का सर्वे समाप्त हो गया है। अब रैडम सैंपल लेकर दूसरे चरण में जांच की जाएगी। इसके बाद धन इस वर्ष के अंत तक किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा। किसानों को हर पेड़ से छह डॉलर का कार्बन क्रेडिट मिलेगा। किसानों को कार्बन क्रेडिट के रूप में 250 से 300 रुपये प्रति पेड़ मिलेंगे। यूकेलिप्टस, अधिक पौधे लगाने वाले किसानों को अधिक पैसा मिलेगा, लेकिन छोटे पौधे लगाने वाले किसानों को कम पैसा मिलेगा। 

इन किसानों को फायदा होगा 

2018, 2019, 2020 और 2021 में कम से कम 25 पेड़ लगाने वाले किसानों को कार्बन क्रेडिट मिलेगा। ये पौधे स्वस्थ और हरे होने चाहिए। किसानों की सूची तैयार कर ली गई है, मेरठ डीएफओ राजेश कुमार ने बताया। वन विभाग ने किसानों का नाम, पता, आईएफएससी कोड, आधार नंबर, कृषि वानिकी क्षेत्रफल, खसरा खतौनी, मोबाइल नंबर सहित पूरा विवरण प्राप्त किया है। किसान अब भुगतान के लिए तैयार हैं। 

यह कार्बन फाइनेंस योजना है। 

भारत सरकार ने 2070 तक कार्बन मुक्त देश बनाने का लक्ष्य रखा है, जिला वन अधिकारी राजेश कुमार ने बताया। इसके परिणामस्वरूप किसानों ने कृषि वानिकी क्षेत्र में किए गए पौधरोपण से कार्बन क्रेडिट प्राप्त किया है। विश्व सम्मेलन को पर्यावरण परिवेश में हानिकारक गैसों की उत्सर्जन क्षमता को कम करने पर कोई देश कार्बन क्रेडिट देता है। 

यूपी के छह मंडलों में कार्य जारी है 

राज्य के लखनऊ, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर मंडलों में यह परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जा रही है।