UP में बनेगा 101 किलोमीटर लंबा राज्य का पहला डिजिटल हाईवे, इन इलाकों को फायदा
UP News : उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे और हाईवे को स्मार्ट और डिजिटल बनाने की योजना राज्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल राज्य की कनेक्टिविटी, यातायात प्रबंधन, और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेगी। ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाओं और नियमों के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश पहले से ही देश के सबसे बड़े और आधुनिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क पर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य को बुनियादी ढांचे के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में ले जाएगी। यह राज्य के नागरिकों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के साथ-साथ आर्थिक विकास में भी सहायक होगी।
उत्तर प्रदेश में लोगों की बेहतरीन कनेक्टिविटी पर लगातार काम किया जाता है। एक्सप्रेसवे के विस्तार के बाद अब राजमार्गों को स्मार्ट और डिजिटल बनाने की योजना बनाई जा रही है। प्रदेश का पहला डिजिटल हाईवे योजना बनाया गया है। यूपी का पहला डिजिटल हाईवे बाराबंकी से बहराइच के बीच बनाया जाएगा। इस हाईवे की लंबाई करीब 101 किलोमीटर होगी। यूपी में पहला डिजिटल हाईवे फोर लेन बनेगा। इस सड़क के किनारों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की योजना है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
प्रदेश में पहला डिजिटल हाईवे
बाराबंकी से बहराइच के बीच एक डिजिटल हाईवे बनाने की योजना है। लोगों को इस योजना से बहुत राहत मिलेगी। यह प्रस्तावित हाईवे चार लेन का होगा और 101 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं होंगी। प्रदेश में पहला डिजिटल हाईवे बनाने का काम शुरू हो गया है। यह राजमार्ग कई मायनों में अलग होगा। ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाने से भविष्य में सड़क को खोदने की आवश्यकता नहीं होगी। यह हाईवे बनाने के लिए सर्वेक्षण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने शुरू किया है। इस परियोजना का निर्माण मार्च 2025 से शुरू होने का अनुमान है।
आज की तकनीक से लैस होगा
प्रदेश का पहला डिजिटल हाईवे आधुनिक तकनीक और कनेक्टिविटी से सुसज्जित होगा। इसमें एनपीआर (नेशनल परमिट रजिस्टर) कैमरा, पर्याप्त रोशनी और 24 घंटे नेटवर्क सुविधा होगी। हाईवे सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होगी। हाईवे दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश की जाएगी। रात में रोड पर पर्याप्त रोशनी होने से लोगों को गाड़ी चलाना आसान होगा। Digital Highways यात्रा को सुरक्षित और तेज बनाएंगे। यात्रियों को आरामदायक यात्रा भी मिलेगी।
डिजिटल हाईवे में क्या होता है?
डिजिटल हाईवे आधुनिक सुविधाओं से लैस सड़कें हैं। डिजिटल हाईवे या सड़कें प्लेटफॉर्म हैं जो डाटा, टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी का उपयोग करके नेटवर्क को बेहतर बनाते हैं। इसमें सड़कों की डिजाइन, निर्माण और संचालन पर जोर है। Digital Highways सुरक्षित यात्रा, जल्दी डिलीवरी और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं। योजनाबद्ध बाराबंकी-बहराइच डिजिटल हाईवे में नवीनतम रोड सेफ्टी प्रणाली उपलब्ध होगी। इसकी प्रकाश व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जाएगा।
राष्ट्रीय डिजिटल हाईवे का प्रस्ताव
NHAI देश भर में 10,000 किलोमीटर लंबे डिजिटल हाईवे बनाने की योजना बना रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर इसकी शुरुआत करते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बाराबंकी-बहराइच हाईवे को मंजूरी दी है। योजना के अनुसार, एनएच-927 कॉरिडोर का 101.54 किलोमीटर भाग चार लेने में बनाया जाएगा। यह राजमार्ग लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, राष्ट्रीय राजमार्ग-27 और भारत-नेपाल सीमा से जुड़ेगा। इससे इन क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
रोड किनारे केबल
डक्ट डिजिटल हाईवे के किनारे तीन मीटर चौड़ी जगह पर बनाया जाएगा। ऑप्टिकल फाइबर केबल इसमें डाला जाएगा। इससे लोगों को मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं का बेहतरीन उपयोग मिलेगा। इसके लिए, कंपनियों को रोड ज़मीन पट्टे पर दी जाएगी, एक निश्चित दर पर।
अधिकारी क्या कहते हैं?
लखनऊ परियोजना निदेशक एनएचएआई सौरभ कनौजिया ने बताया कि बाराबंकी-बहराइच राजमार्ग को डिजिटल राजमार्ग बनाया जाएगा। वर्तमान में यह रास्ता दो लेन का है। इस राजमार्ग को चार लेन बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। इसके लिए भूमि सर्वे और मापी तेजी से हो रही है। उनका दावा था कि निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।