वाराणसी को मिला तोहफा, गंगा नदी पर होगा सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण

Varanasi News : भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी को एक और बड़ी सौगात प्रशासन द्वारा दे दी गई है। इसके अनुसार वाराणसी में गंगा नदी पर सिग्नेचर ब्रिज बनाए जाने का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है। गंगा नदी पर बनने जा रहे 1200 करोड रुपए के खर्च से सिग्नेचर ब्रिज को केंद्र सरकार की तरफ से हरी झंडी दे दी गई है। गंगा नदी पर स्थित मालवीय ब्रिज जिसे राजघाट पुल के नाम से भी जाना जाता है, उसी के पास में इस ब्रिज को बनाने की मंजूरी प्रशासन द्वारा दे दी गई है। इसी के साथ बहुत ही जल्द इस ब्रिज के कार्य की शुरुआत कर दी जाएगी।
गंगा नदी पर बनेगा यह सिग्नेचर ब्रिज
आपको बता दें कि वाराणसी के मालवीय ब्रिज के पास में बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज 6 लेन का बनने वाला है और इसके इसके नीचे रेलवे ट्रैक भी बिछाए जाएंगे। इस रेलवे ट्रैक के बनने के बाद इस पर 100 किलोमीटर से भी ज्यादा रफ्तार से ट्रैन इस पर दौड़ेंगी। इस नए पुल की सिक्स लाइन सड़क वाराणसी से लेकर चंदौली, बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक आने-जाने में आसानी होगी। यह सिग्नेचर ब्रिज जिसका स्टेशन से जुड़ने वाला है, उसे स्टेशन का पुनर्नी निर्माण करने के लिए 300 करोड रुपए की मंजूरी दी गई है। आईआईटी, बीएचयू और रुड़की के साथ ही पुरातत्व विभाग की ओर से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी है। इस ब्रिज के निर्माण को लेकर रेलवे और राज्य सरकार के सभी अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
इस ब्रिज के बनने से ही यह होंगे फायदे
वही इस सिग्नेचर ब्रिज के बारे में पूरी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने ट्वीट करके बताया कि, काशी के बुनियादी ढांचे में बड़ी तरक्की देखने को मिल रही है, गंगा नदी पर 1200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सिग्नेचर ब्रिज को प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। इस दौरान केंद्रीय अनुमोदन से यह 6-लेन पूर्ण पश्चिम बंगाल से इसकी कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।, जिससे आने-जाने में सुविधा होगी। इस ब्रिज के निर्माण से वाराणसी में आर्थिक और बुनियादी ढांचो को प्रगति मिलेगी। जिस स्कूल के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार होगा।