UP की इन 8 नदियों में चलेगी वाटर बस, देश में बनेंगे 111 नेशनल वाटरवे

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UP News: आगामी कुछ ही समय में, गोमती जैसी आठ नदियों के साथ जल यातायात बस चालू होगी। इसके नियंत्रण के लिए, अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना की तैयारी शुरू हो गई है। इसमें, परिवहन, सिंचाई, और पर्यटन विभागों के 43 अधिकारियों की उपस्थिति होगी। यह संख्या बढ़ाई जा सकती है। परिवहन आयुक्त अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के प्रमुख निदेशक के रूप में नियुक्त होंगे। प्राधिकरण राष्ट्रीय वाटरवे के विकास को प्रदेश में भी ध्यान देगा। UP की इन 8 नदियों में चलेगी वाटर बस, देश में बनेंगे 111 नेशनल वाटरवे

वर्तमान में देश में कुल 111 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। इनमें से केवल आठ प्रदेशों में ही मौजूद हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जल यातायात को बढ़ावा देने में गंभीर हैं। अब यह संख्या बढ़ाई जाएगी। इससे लोगों को जल यातायात की सुविधा और पर्यटन को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना को लेकर मुख्य सचिव के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया है। उनके मार्गदर्शन के अनुसार कुछ संशोधनों को इसे फिर से प्रस्तुत किया जाएगा। फिर कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्राधिकरण की स्थापना हो जाएगी।

प्रदेश में गंगा नदी पर 1,620 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय जलमार्ग-1 प्रयागराज-हल्दिया का विकास किया जा रहा है। इस जलमार्ग पर वाटरवे कॉरिडोर के संबंध में मिनी टर्मिनल का विकास और जलयानों के संचालन के लिए बंदरगाह बनाए जा रहे हैं। वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल, गाजीपुर में गाजीपुर टर्मिनल और चंदौली में फ्रेट विलेज का निर्माण हो रहा है। इसी तरह राज्य वाटरवे में कार्य किया जाएगा।

नए साल में जल परिवहन प्राधिकरण अपने कार्यों को संभालेगा। परिवहन विभाग के अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि छह महीने के अंदर अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना हो जाएगी और रूट का निर्धारण किया जाएगा। जलमार्ग तैयार हो जाएंगे और वाटर बसों की तैयारियाँ पूर्ण हो जाएंगी। टर्मिनल की अंतिम स्थापना और यात्रियों के सुविधाओं के कार्य कहां और कैसे होने हैं, इसका निर्धारण किया जाएगा। नए साल में प्राधिकरण कार्यों को संभालेगा।

प्रदेश में इन आठ जलमार्गों का विवरण है:

  1. यमुना (जलमार्ग संख्या 110) - 1,089 किलोमीटर
  2. गोमती (जलमार्ग संख्या 42) - 518 किलोमीटर
  3. असी (जलमार्ग संख्या 12) - 505 किलोमीटर
  4. घाघरा (जलमार्ग संख्या 40) - 340 किलोमीटर
  5. टोंस (जलमार्ग संख्या 103) - 73 किलोमीटर
  6. बेतवा (जलमार्ग संख्या 19) - 68 किलोमीटर
  7. चंबल (जलमार्ग संख्या 24) - 60 किलोमीटर
  8. वरुणा (जलमार्ग संख्या 108) - 53 किलोमीटर

इन जलमार्गों के सर्वेक्षण और पंजीकरण की जिम्मेदारी संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) को सौंपी गई है, जो जलयानों के पंजीकरण का कार्य करेंगे, और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को सर्वेक्षक के पद पर नियुक्ति मिली है।

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