The Chopal

UP के इस गांव में आजादी के बाद पहली बार पहुंचा पानी, लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं

UP News - पानी के बिना हम जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते है। लेकिन आपको बता दें कि यूपी के इस गांव में आजादी के बाद अब पहली बार पहुंचा है पानी.. जिसके चलते गांव में लोगों के बीच खूशी की लहर है।
   Follow Us On   follow Us on
Water reached this village of UP for the first time after independence, people are happy

The Chopal , UP : कहते हैं जल ही जीवन है. लेकिन हमारे यहां जल तो था ही नहीं तो जीवन कैसे होता ? हमलोग खुद को मरा हुआ समझते थे. गर्मी हो या ठंडी प्रत्येक मौसम में हम बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते रहे हैं. हमें उम्मीद भी नहीं थी कि यहां पानी को आता भी देखेंगे. पेयजल समस्या के समाधान को लेकर हर बार दावे किए गए हैं. लेकिन किसी भी नेता ने अपना वादा पूरा नहीं किया. हमारे यहां पानी पहुंचना सपना ही था, लेकिन देवी बनकर आई जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने गांव को पानी की सुविधा मुहैया करवाने के लिए कोशिश शुरू कर दी और आज वो ऐतिहासिक दिन है, जब हमारे यहां पीने का साफ पानी आ गया है. लहुरिया दह के रहने वाले हरीलाल यह बताते हुए भावुक हो गए.

उल्लेखनीय है कि यह सिर्फ हरीलाल की नहीं, बल्कि मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 62 किलोमीटर दूर ड्रामनगंज पहाड़ी पर स्थित लहूरिया दह और भैसोड़ बलाय गांव में रहने वाले हर व्यक्ति की यही पीड़ा थी. दशकों से पीने का पानी यहां के वाशिंदों के साथ सरकार के लिए भी बड़ी समस्या रहा है. यहां का जिक्र होते ही पथरीला इलाका, पानी की किल्लत और सिर पर मटकी लेकर पहाड़ी झरने से महिलाओं-बच्चों का पानी भरने का का दृश्‍य जेहन घूमने लगता था. यही नहीं, लालगंज तहसील के लहुरिया दह, भैसोड़ बलाय और कटरा गांव में पेयजल संकट की त्रासदी से युवाओं के सामने शादी करना एक बड़ी चुनौती थी. यहां गांवों में बरसों से पीने को मीठा पानी कोरा सपना ही रहा, लेकिन सालों का इंतजार आखिर अब जाकर खत्म हुआ.

जलजीवन के सर्वे में छूट गया था गांव-

गौरतलब हो कि मिर्जापुर जनपद में जलजीवन मिशन का सर्वे वर्ष 2019 में हुआ था, जिसमें लालगंज एरिया के 16 गांव/मजरा छूट गए थे. इसमें लहुरिया दह, भैसोड़ बलाय एवं कटरा गांव भी शामिल थे. नवंबर में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने लहुरिया दह का विजिट किया और ग्रामीणों से वादा किया था कि बहुत जल्दी पेयजल के समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.

ग्रामीणों की समस्याओं को देखने के बाद इसकी समीक्षा की और इन तीनों गांवों के लिए पेपर वर्क करवाकर अलग से प्रस्ताव तैयार कर राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन (SWSM) को भेजा था. शासन से मंजूरी मिलने के बाद तीव्र गति से कार्य कर अब इन गांवों में पानी पहुंचा दिया गया है.

ग्रामीणों में खुशी की लहर-

लहुरिया दह के रहने वाले गोपी कुमार कहते हैं कि हमारे गांव में पानी आ गया है. बहन जी (जिलाधिकारी दिव्या मित्तल) हमारे गांव में देवी के रूप में आई हैं. दशकों से यहां के लोगों का जीवन पानी के बगैर प्रभावित था. हम लोग एक किलोमीटर दूर झरने से पानी ले आते थे. लेकिन जिलाधिकारी ने पानी नहीं हम लोगों को जीवन दिया है. वहीं हीरालाल यादव ने कहा कि डीएम ने यहां आकर हम लोगों के कष्ट को समझा, पानी की किल्लत को देखा. डीएम ने प्रयास कर हम लोगों को पानी नहीं जीवन दे दिया. अब हमारे भी बच्चे अपने भविष्य के बारे में सोच सकते हैं.

अब नहीं होगा पानी के लिए संघर्ष-

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि यहां दशकों से पानी की किल्लत थी. हमारा प्रयास था कि किसी तरीके से यहां पानी पहुंचाया जा सके. सरकार की योजनाएं बहुत अच्छी हैं. कई योजनाओं को एकसाथ क्रियान्वन करके कार्य चालू कराया गया था. आज यहां पानी आ गया, हर घर में नल लग गया है. अब यहां के लोगों को पानी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा.

Also Read: UP में बनने जा रहा सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता, 2.73 लाख करोड़ का होगा निवेश