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Wheat Price Hike: त्योहार पर गेहूं की मांग के चलते भाव में आया उछाल, 6 महीने में बढ़ी इतनी कीमत

Wheat Prices Update: अक्टूबर 2023 में सरकारी वेयरहाउस में 24.1 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक था, जो पिछले पांच वर्षों में औसत 37.6 मिलियन टन से अधिक था।

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Wheat Price Hike: गेहूं की कीमतें त्योहारों से पहले बढ़ गई हैं। गेहूं की बढ़ती मांग के कारण घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें आठ महीने के ऊपर जा पहुंची हैं। ऐसे में सरकार कीमतों में बढ़ोतरी पर नियंत्रण लगाने के लिए खुले बाजार में गेहूं जारी कर सकती है और अपने इंवेंटरी से गेहूं खरीद सकती है। साथ ही सरकार गेहूं के आयात पर ड्यूटी को कम कर सकती है, जिससे आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।  

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गेहूम की दिल्ली की कीमत मंगलवार 17 अक्टूबर को 1.6 प्रतिशत के उछाल के साथ 27,390 रुपये प्रति मेट्रिक टन पर जा पहुंची, जो 10 फरवरी 2023 से पहले की सबसे उच्च कीमत है। गेहूं की कीमतें पिछले छह महीने में 22 प्रतिशत बढ़ी हैं। गेहूं की कीमतों में तेजी जारी रही तो खुदरा महंगाई में वृद्धि देखने को मिल सकती है, जिससे खाद्य महंगाई तेजी से बढ़ सकती है। 

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सरकारी डेटा के अनुसार, 17 अक्टूबर 2023 को गेहूं की अधिकतम कीमत 58 रुपये प्रति किलो थी, जबकि औसत मूल्य 30.29 रुपये प्रति किलो था। मई 2023 में गेहूं की नई फसल बाजार में आने के बाद, औसत कीमत 28.74 रुपये प्रति किलो थी, जबकि सबसे अधिक कीमत 49 रुपये प्रति किलो थी। गेहूं की कीमतों में स्पष्ट वृद्धि जारी है। गेहूं की नई फसल 15 मार्च 2024 के बाद बाजार में आने की उम्मीद है, इसलिए सरकार को खुले बाजार में गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण रखना होगा। 

गेहूं की आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए आयात शुल्क को भी कम करने की मांग उठती है। हालाँकि गेहूं पर 40 प्रतिशत की आयात ड्यूटी लगाई जाती है, जिससे आयात बहुत महंगा हो जाता है, इसलिए ट्रेडर्स आयात करने से बचते हैं। अक्टूबर 2023 में सरकारी वेयरहाउस में 24.1 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक था, जो पिछले पांच वर्षों में औसत 37.6 मिलियन टन से अधिक था। विशेषज्ञों का कहना है कि अल नीनो के चलते रबी सीजन में गेहूं उत्पादन प्रभावित हो सकता है। 

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