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Home Loan लेते समय बैंक से जरूर लें इन सवालों का जवाब, 33 साल तक नहीं भरनी होगी EMI

अपना घर बनाने के लिए अधिकतर लोगों को होम लोन की जरूरत होती हैं लेकिन कईं लोग होम लोन लेते वक्त ऐसी गलती कर देते हैं जिससे कि 20 साल में चुकता होने वाला लोन 33 साल तक बोझिल बना रहता हैं, इसी के चलते हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए....

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While taking home loan, definitely get answers to these questions from the bank, EMI will not have to be paid for 33 years

home loan mistakes: हर शख्स का ये सपना होता है कि उसका अपना घर हो. हालांकि, जब बात आती है घर खरीदने की तो 80-90 फीसदी लोगों को जरूरत पड़ती है होम लोन (Home Loan) की. साथ ही वह अपनी जमा पूंजी भी इसमें लगा देते हैं. हालांकि, अधिकतर लोग होम लोन लेने के बाद अक्सर एक गलती करते हैं, जिसकी वजह से उनका जो लोन 20 साल में चुकाया जा सकता था, उसे चुकाने में 25-30 साल तक का वक्त लग जाता है.

कैसे बढ़ जाती है होम लोन की अवधि?

जब ब्याज दरों में बदलाव होता है तो इसकी वजह से होम लोन चुकाने की अवधि बढ़ जाती है. अधिकतर लोग शुरुआत में इस पर ध्यान नहीं देते. बाद में जब उन्हें पता चलता है कि उनके लोन की अवधि तो बहुत लंबी हो गई है, तो वह बैंक से इसकी शिकायत करते हैं. 

एक उदाहरण के साथ इसे अच्छे से समझते हैं -

मान लीजिए कि आपने 8 फीसदी की दर पर 30 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए लिया. इस तरह आपकी ईएमआई करीब 25,093 रुपये की बनेगी. होम लोन अधिकतर बैंक फ्लोटिंग रेट पर देते हैं. यानी आपके होम लोन की दर इस बात पर निर्भर करेगी कि रेपो रेट कितना है.

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से तमाम बैंकों को लोन दिया जाता है. मान लेते हैं कि होम लोन लेने के 5 साल बाद आपके होम लोन की दर 11 फीसदी हो जाती है. इस वक्त आपके होम लोन का आउटस्टैंडिंग प्रिंसिपल अमाउंट 26 लाख रुपये के करीब बचेगा, क्योंकि शुरुआती सालों की ईएमआई में ब्याज का हिस्सा अधिक होता है, जबकि प्रिंसिपल अमाउंट का हिस्सा कम होता है. 

5 साल बाद की स्थिति में आपको लगेगा कि ईएमआई के अब 15 साल बचे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है. दरअसल, ब्याज दर बढ़ने के साथ ही वह आपके लोन की अवधि के साथ एडजस्ट कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए करते हैं ताकि ग्राहकों पर अधिक ईएमआई का बोझ ना पड़े. वहीं बैंक चाहते भी हैं ऐसा ही करना, क्योंकि आप जितने ज्यादा दिनों तक ईएमआई देते रहेंगे, आपसे बैंक की कमाई उतनी ही ज्यादा होगी. तो अगर आपकी ईएमआई पहले जितनी 25,093 रुपये के करीब ही रखी जाती है तो आपके लोन की बची हुई अवधि 15 साल नहीं, बल्कि 28 साल हो जाएगी. यहां अगर आपकी ईएमआई 15 साल के हिसाब से देखी जाए तो वह बढ़कर 29,500 रुपये के करीब हो जाएगी. इस तरह जो लोग आप 20 साल में चुकाने वाले थे, उसे चुकाने में आपको करीब 33 साल लग जाएंगे.

ऐसे हालात से कैसे बचाएं खुद को?

अगर आप नहीं चाहते कि आपके होम लोन की अवधि बढ़ जाए, तो जब-जब ब्याज दरें बढ़ें, तो आपको बैंक से बात कर के अपने हम लोन की रीस्ट्रक्चर करवाना होगा. यानी आपको बैंक से कहना होगा कि वह अवधि ना बढ़ाए, बल्कि ईएमआई को नई ब्याज दर के हिसाब से बढ़ा दे. अधिकतर ग्राहक यही गलती करते हैं और बैंक से लोन को रीस्ट्रक्चर नहीं कराते हैं.

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