UP में 41 गांवों के किसानों की हुई मौज, 13 हजार 300 एकड़ जमीन खरीद करेगा यीडा
UP News : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तरफ से विकास परियोजनाओं पर खास ध्यान देते हुए अब 41 गांवो के किसानों से 13 हज़ार 300 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाएगा. इसके बाद सरकार का लक्ष्य है यहां आवासीय कालोनियां विकसित की जाए. यूपी के इस जिले में 415 गांवों में 11,653.76 हेक्टेयर क्षेत्र पर बनाया जाएगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की एक बड़ी और महत्वाकांक्षी योजना है, जो राज्य में नए शहरीकरण और रियल एस्टेट विकास की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। यमुना विकास प्राधिकरण ने जमीन बैंक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा से अलीगढ़ तक 41 गांवों के किसानों से लगभग 13,300 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाएगा.
किसानों से सीधा होगा जमीन अधिग्रहण
अब यमुना प्राधिकरण ने नोएडा से बाहर भी विकास परियोजनाओं के लिए जमीन बैंक बनाने की योजना बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत 41 गांवों (नोएडा-ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़) में किसानों से 13 हजार 300 एकड़ जमीन सीधे अधिग्रहण की जाएगी। यहां बाद में आवासीय कॉलोनियां बनाई जाएंगी। 28 मार्च को हुई 84वीं बोर्ड बैठक में 9,200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया, प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने यह जानकारी दी हैं।
5,000 करोड़ रुपये केवल जमीन अधिग्रहण
जिसमें से केवल पांच हजार करोड़ रुपये जमीन खरीद के लिए आरक्षित हैं। उनका कहना था कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत से लगातार विदेशी कंपनियां निवेश में रुचि दिखा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण लगातार विकास परियोजनाओं की योजना बना रहा है। अब भूमि बैंक बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
36 गांव गौतमबुद्धनगर में हैं और 5 गांव अलीगढ़ में हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस योजना में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 36 गांव शामिल हैं। साथ ही अलीगढ़ के पांच गांवों में भी जमीन खरीद दी जाएगी। इस प्रक्रिया को जल्द ही शुरू किया जाएगा। जिन किसानों से जमीन खरीदी जाएगी, उन्होंने बताया। तीन महीने के भीतर उन्हें आबादी क्षेत्र का सात प्रतिशत भी मिलेगा। आबादी भूखंड आरक्षण पत्र जमीन रजिस्ट्री के दिन ही सौंपा जाएगा। साथ ही, प्राधिकरण ने एक वर्ष के भीतर सभी भूखंडों में मूलभूत सुविधाएं बनाने का वादा किया है।
गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर जिलों का 75,900 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल
अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) छह जिलों को शामिल करता है। प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा कि बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर में पहले चरण में निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं। मथुरा और अलीगढ़ को अब फेज-2 में भी शामिल किया गया है, जबकि आगरा और हाथरस को फेज-3 में विकसित किया जाएगा। फेज-1 में गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर जिलों का 75,900 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है, जिसमें 226 गांव शामिल हैं। 109 गांव शहरी क्षेत्र में हैं। वर्तमान में लगभग 24,000 हेक्टेयर जमीन पर विविध विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
250 एकड़ में लॉजिस्टिक हब
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में 250 एकड़ का लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। 12 वेयरहाउस और छह से अधिक भंडारण केंद्र इसमें बनाए जाएंगे। 640 करोड़ रुपये का निवेश इस परियोजना में होगा। इसके लिए भी यमुना प्राधिकरण जल्द ही रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी करेगा। लॉजिस्टिक हब में 10,000 से अधिक नौकरी के अवसर पैदा होंगे। लॉजिस्टिक पार्क एक वेयरहाउस की तरह है। जहां आयात-निर्यात से जुड़े सामान को किराये पर सुरक्षित रखते हैं।
फेज-2 मास्टर प्लान मंजूर
फेज-2 में मथुरा और अलीगढ़ शामिल हैं। राया अर्बन सेंटर को मथुरा के 415 गांवों में 11,653.76 हेक्टेयर क्षेत्र पर बनाया जाएगा। साथ ही, अलीगढ़ में टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर का निर्माण 11,104.40 हेक्टेयर क्षेत्र में 92 गांवों पर किया जाएगा। इन दोनों परियोजनाओं के मूल कार्यक्रम को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जबकि हाथरस और आगरा जिलों को फेज-3 की विकास योजनाओं में शामिल किया गया है। आगरा का ज़ोनल प्लान बनाया गया है। हाथरस में प्रस्तावित विकास कार्यों की योजना बनाई जा रही है।