उत्तर प्रदेश में योगी सरकार निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारेगी, विभागों को निर्देश जारी
UP News : यूपी सरकार जीसीबी के लिए तैयार है। निवेश जुटाने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। यीडा ने लक्ष्य से भी अधिक हासिल किया है।
UP News : यूपी सरकार अब अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) को लेकर जुट गई है। दिए गए लक्ष्य से अधिक निवेश जुटाने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के सभी प्राधिकरण लक्ष्य प्राप्ति के लिए तेजी से कार्य कर रहे हैं। जिनमें से एक, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने जीबीसी के लिए निर्धारित लक्ष्य को 100 प्रतिशत से अधिक पूरा किया है, जबकि अन्य प्राधिकरण भी अपने लक्ष्यों को तेजी से पूरा कर रहे हैं।
योगी सरकार ने फरवरी 2023 में विश्व निवेशकों का सम्मेलन आयोजित किया था। इससे उत्तर प्रदेश में 38 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल गए। अब जीबीसी के माध्यम से इन निवेश प्रस्तावों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उसने हर विभाग को लक्ष्य दिया था। इनमें 23 जनवरी 2024 तक जीबीसी के लिए 7.25 लाख करोड़ से अधिक के परियोजनाओं को शुरू करने की योजना है। इसमें और अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है जीबीसी की अंतिम तिथि तक।
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यूपी में सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इनकी जीबीसी में भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यीडा, जीनीडा, नोएडा, गीडा, यूपीसीडा और यूपीडा के सभी राज्यों ने एमओयू और गैर-एमओयू के माध्यम से पांच हजार से अधिक परियोजनाओं का अनुबंध किया था। इसका कुल खर्च लगभग 9.25 लाख करोड़ रुपये है। इन सबके माध्यम से सरकार ने जीबीसी में 4.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य रखा है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष प्रस्ताव में इन सभी प्राधिकरणों की ओर से लक्ष्य प्राप्ति की जानकारी दी गई। इसके अनुसार, इन सभी प्राधिकरणों ने 23 जनवरी 2024 तक लगभग 4.5 हजार परियोजनाओं को जीबीसी के लिए तैयार कर लिया है। इससे राज्य में 3.10 लाख करोड़ रुपये का निवेश अभी शुरू हो सकेगा।
यीडा सबसे आगे
जानकारी के अनुसार, लक्ष्य के मामले में जीबीसी के लिए तैयार एमओयू और नॉन एमओयू को धरातल पर उतारने में यीडा सबसे आगे है। यीडा ने 2 लाख करोड़ से अधिक के 414 एमओयू और नॉन एमओयू परियोजनाओं को प्राप्त किया है। जीबीसी को 43,750 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था। इनमें से यीडा ने 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 280 परियोजनाओं को जीबीसी के लिए तैयार कर लिया है। यानी यीडा, जो आगामी जीबीसी के माध्यम से धरातल पर उतरने को तैयार है, ने लक्ष्य 103 प्रतिशत पूरा किया है।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकर (जीनीडा) लक्ष्य हासिल करने के प्रतिशत में दूसरे स्थान पर है। जीनीडा ने 244 परियोजनाओं के लिए एमओयू और गैर-एमओयू के माध्यम से 1.10 लाख करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। जीबीसी ने उसे 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य दिया था, जिसमें 150 परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। लक्ष्य का 87 प्रतिशत अर्थात 52 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत होगी।
नोएडा ने 544 प्रोजेक्ट पर किया था करार
न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 544 परियोजनाओं पर एमओयू और गैर-एमओयू करार किए हैं। उसने जीबीसी में 90 हजार करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर लाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें उसने 73 प्रतिशत, यानी 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इससे 150 परियोजनाएं जीबीसी के लिए तैयार हो गईं। इसी तरह, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने 68% और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने 67% लक्ष्य पूरा किया है।
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गीडा ने करीब 21 हजार करोड़ रुपये मूल्य के 324 परियोजनाओं के एमओयू और नॉन एमओयू करार किए हैं। वह जीबीसी में 12.5 हजार करोड़ का निवेश करने का लक्ष्य रखता था, जिसमें वह जीबीसी के लिए 8.5 हजार करोड़ के 279 परियोजनाओं को रेडी करने में कामयाब रहा है। ठीक उसी तरह, यूपीसीडा ने चार लाख करोड़ से अधिक की लागत वाले 3.8 हजार परियोजनाओं के लिए सौदे किए थे। उसने 2 लाख करोड़ का लक्ष्य हासिल किया था, जिसमें उसने 1.3 लाख करोड़ से अधिक की लागत वाले 3,4 हजार से अधिक परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बनाई थी।
यह जीबीसी के लिए प्राधिकरण द्वारा दिए गए लक्ष्यों में सबसे अधिक है। यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने 123 निवेश अनुबंधों को 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का मूल्य दिया था। जीबीसी में 18 हजार करोड़ से अधिक का निवेश करने का लक्ष्य उसे मिला था। इसमें उसने 35 परियोजनाओं (करीब 5 हजार करोड़ रुपये) को जीबीसी के लिए तैयार कर लिया है।