UP में पांच साल से ज्यादा जमे इन लोगों को हटाएगी योगी सरकार, डीएम को आदेश हुआ जारी
UP News : यूपी के जिलों में सालों से चल रही रोगी कल्याण समितियों में अब लोग नहीं रहेंगे। उन्हें बाहर निकाला जाएगा। इनका कार्यकाल पांच साल था, लेकिन वे लंबे समय से काम कर रहे हैं। उनका स्थान स्वास्थ्य क्षेत्र में है..।
Uttar Pradesh : यूपी के जिलों में सालों से चल रही रोगी कल्याण समितियों में अब लोग नहीं रहेंगे। उन्हें बाहर निकाला जाएगा। इनका कार्यकाल पांच साल था, लेकिन वे लंबे समय से काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में जागरूक व्यक्तियों और संस्थाओं को उनकी जगह मिलेगी। शासन ने सभी जिलाधिकारियों को कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को तुरंत हटाने का आदेश दिया है। साथ ही, रोगी कल्याण समितियों की बैठकों को नियमित करने का अनुरोध किया गया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने के लिए सरकार निजी क्षेत्र को अधिक से अधिक शामिल कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके घर के निकट चिकित्सा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर है। यही कारण है कि राज्य सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अधीन चलने वाली योजनाओं के लिए 7350 करोड़ रुपये का निवेश किया है। प्रदेश के हर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ने रोगी कल्याण समितियां बनाईं। निजी क्षेत्र के लोग भी डीएम की अध्यक्षता वाली रोगी कल्याण समितियों के शासी निकाय में शामिल हैं।
ये पढ़ें - UP में यहां 27 करोड़ से सड़कें होंगी फोरलेन, जिले के लोगो का सुधर जाएगा आवागमन
शासन को शिकायत मिली कि कई जिलों में पांच वर्ष का कार्यकाल खत्म होने के बावजूद वही लोग समितियों में बने रहे हैं। शासन के विशेष सचिव नरेंद्र कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा है। 5 वर्ष से अधिक उम्र के सदस्यों को तुरंत हटाने का आदेश दिया गया है। वहीं, चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वालों को नए सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया है।
रोग कल्याण समिति में यह हैं सदस्य
पंचायती राज संस्था के 2 प्रतिनिधि
मातृ स्वैच्छिक संस्था के प्रतिनिधि
जिलाधिकारी द्वारा नामित 3 महत्वपूर्ण नागरिक
स्थानीय मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि
डीएम द्वारा नामित स्थानीय कारपोरेट सेक्टर या एनजीओ चिकित्सालयों के प्रतिनिधि
जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा निर्धारित खाते में 5000 या उससे अधिक दान देने वाले सह सदस्य और 50000 या उससे ज्यादा दान देने वाले या किसी वार्ड के रखरखाव का जिम्मा लेने वाले संस्थागत सदस्य।
ये पढ़ें - MP के इन शहरों के बीच बन रहा 150 किलोमीटर लंबा फोरलेन, 24 किमी बनेगा नया बायपास